रांची: झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोहों के 90 प्रतिशत मुखिया सलाखों के पीछे हैं. यह झारखंड पुलिस की कामयाबी है. लेकिन जेल में बंद वही 90 प्रतिशत गैंगस्टर वहीं से अपनी सल्तनत चला रहे हैं. यह भी एक बड़ी हकीकत है. जेल में बैठे-बैठे गैंगस्टर किसी की भी हत्या करवा देते हैं. यह उससे भी बड़ी हकीकत है. दरअसल, जेल की दुनिया बड़े अपराधियों के लिए स्वर्ग जैसा है. झारखंड के जेलों में 4G-5G जैमर लगाने की घोषणा रघुवर दास से लेकर हेमंत सरकार तक कर चुकी है, लेकिन जैमर अपडेट का काम कब पूरा होगा यह किसी को नहीं पता.
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जैमर को लेकर प्रयास कागजों पर ही सिमटा: झारखंड के सभी जिलों में सभी प्रकार के मोबाइल नेटवर्क को बंद करने के लिए अत्याधुनिक जैमर लगाने का काम अब तक फाइलों में ही सिमटा हुआ है. नतीजा जेल के अंदर से ही कुख्यात अपराधी से लेकर छोटे-छोटे अपराधी भी जेल के बाहर अपने गुर्गो से घटनाओं को अंजाम दिलवा रहे हैं. अगर झारखंड के सभी जिलों में अत्याधुनिक जैमर लगाने का काम पूरा कर लिया जाता तो शायद बहुत हद तक जेल से चल रहे संगठित अपराधी गिरोहों पर नकेल कस जाता.
इस योजना पर हो रहा काम:ऐसा नहीं है कि अत्याधुनिक जैमर लगाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास नहीं किया गया है. जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड के जेलों में सभी प्रकार के मोबाइल नेटवर्क को बंद करने के लिए टावर ऑफ हारमोनियम कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाना है. झारखंड के रामगढ़ जिले में इस तरह के जैमर का सफल डेमो भी हो चुका है, जिसमें जेल के अंदर जैमर की क्वालिटी भी टेस्ट हो चुकी है.
जैमर की हो चुकी है टेस्टिंग:केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा सर्टिफाइड बीईएएलएल (BELL) और ईसीआईएल (ECIL) के जैमर की टेस्टिंग भी हुई है. बेल की तरफ से तो रेट का कोटेशन भी दिया जा चुका है तो वहीं जेल प्रशासन को ECIL के कोटेशन का इंतजार है. जिसके आने के साथ ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेजा जाएगा. शुरुआती चरण में इसे रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार में इंस्टॉल किया जाएगा, जिसके बाद दो महीने के सफल संचालन के बाद ही झारखंड के दूसरे जेलों में इन जैमरो को इंस्टॉल करने का काम शुरू किया जाएगा.
सर्टिफाइड कंपनियों से करनी होती है जैमर की खरीद: जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, जैमर की खरीद केंद्रीय गृह मंत्रालय के ही सर्टिफाइड कंपनियों से करनी होती है और इसके लिए मात्र दो ही एजेंसियां हैं- BELL और ECIL. इन जैमरो से सिर्फ जेल की चहारदीवारी के अंदर का ही नेटवर्क जाम करना होता है. जेल के बाहर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता. इसे भी डेमो के दौरान भली भांति चेक किया गया है. इन जैमरो से मोबाइल नेटवर्क के किसी भी तरह के कॉल चाहे वो इंटरनेट कॉल हो या फिर बेसिक कॉल दोनों बाधित हो जाएंगी.