रांचीः झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके बावजूद साइबर अपराधी हर दिन किसी न किसी नए फ्रॉड एक्शन प्लान लेकर सामने आते हैं और लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. अब साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका ईजाद कर लिया है. यह नया तरीका है ड्रग्स एक्सटॉर्शन का, साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा साइबर क्रिमिनल के इस नए मॉड्यूल को लेकर आम पब्लिक को आगाह किया गया है.
ड्रग्स के नाम पर ठगी का धंधाः ड्रग्स एक्सटॉर्शन साइबर अपराधियों का नया हथियार है. इस हथियार का प्रयोग कर वे पार्सल और कूरियर में ड्रग्स मिलने की बात कर लोगों से ठगी कर रहे हैं. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में ऐसे मामलों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. साइबर अपराधी इंटरनेट और दूसरे माध्यम से मोबाइल नंबर और एड्रेस की जानकारी लेकर लोगों को कॉल करते हैं. उन्हें यह बताते हैं कि उनके पते पर जो पार्सल आया है उसमें ड्रग्स निकला है. थोड़ी देर बाद साइबर अपराधियों के गैंग का ही एक अपराधी पुलिस वाला बनकर अमुक व्यक्ति को फोन कर ड्रग्स के बारे में पूछताछ करने लगता है. ड्रग्स का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं और तथाकथित पुलिस वाले से मामले को रफादफा करने की मिन्नतें करने लगते हैं. कुछ पैसे के भुगतान के बाद यह मामला बंद होता है.
मामले दर्ज हो रहे हैंः झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता के अनुसार ड्रग्स एक्सटॉर्शन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कुछ लोगों से पैसे की ठगी भी साइबर अपराधियों के द्वारा कर ली गई है. सीआईडी डीजी के अनुसार यह नए तरीका का फ्रॉड है जिसके जरिए अब झारखंड में भी ठगी की जा रही है.
पुलिस की फेक आईडी का प्रयोगः सेक्स एक्सटॉर्शन के जैसे ही ड्रग्स एक्सटॉर्शन के लिए भी एक फेक मायाजाल साइबर अपराधियों के द्वारा बनाया गया है. इस मायाजाल में अपने शिकार को फंसाने के लिए बाकायदा साइबर अपराधियों की एक पूरी टीम काम करती है. इसमें फेक वकील, फेक पुलिस वाला और फेक कूरियर वाला तीनों मिलकर कांड को अंजाम देते हैं. जो पुलिस वाला ड्रग्स को लेकर किसी व्यक्ति को फोन करता है वह अपनी आईडी में क्राइम ब्रांच के किसी अफसर का फोटो लगा देता है, जिससे कि जब उसका फोन किसी व्यक्ति के पास जाए तब उस व्यक्ति को यही मालूम पड़े कि वह पुलिस वाला है. ड्रग्स का नाम आते हैं लोग डर जाते हैं और उनका पार्सल नहीं होने की स्थिति में भी पैसे देकर साइबर अपराधियों से अपना पीछा छुड़ा लेते हैं.