रांची:कोरोना की दूसरी लहर में हुई तबाही के बाद केंद्र और राज्य सरकार संभावित तीसरी लहर की तैयारी में जुटी है. अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी न हो इसके लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं. 18 जून को पीएम मोदी ने फ्रंटलाइन वारियर्स के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत की थी, झारखंड में भी इसे शुरू करने की तैयारी की जा रही है.
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झारखंड में होगी क्रैश कोर्स की शुरुआत
स्वास्थ्य विभाग के IEC पदाधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी के मुताबिक कौशल विकास मंत्रालय के क्रैश कोर्स की शुरुआत झारखंड में भी होगी, पर इसकी क्या रूपरेखा क्या होगी यह तय करना बाकी है. रांची के कई बड़े डॉक्टरों और झासा ने इस तरह के क्रैश कोर्स को काफी उपयोगी बताते हुए इसे जल्द शुरू करने का आग्रह सरकार से किया है.
झारखंड में भी शुरू होगा फ्रंटलाइन वारियर्स के लिए क्रैश कोर्स क्रैश कोर्स के बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर्स?
झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन (झासा) के महासचिव डॉ विमलेश सिंह, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर सव्यसाची मंडल, पैथोलोजिस्ट डॉक्टर रंजू सिन्हा, डेंटल सर्जन डॉक्टर उषा सिंह और युवा डॉक्टर शिप्रा शरण कहती हैं कि दूसरी लहर के दौरान कई बार ऐसा हुआ कि रोगियों का इलाज करने में सहायता करने वाले हैंड्स कम पड़ गए.
ऐसे में 3 माह का क्रैश कोर्स और खास कर ICU,PICU,NICU की ट्रेनिंग लेकर आए युवा वर्ग से संभावित तीसरी लहर से निपटने में काफी मदद मिलेगी. रांची सिविल सर्जन ने भी कोर्स के जल्द शुरू होने की बात कही है उनके मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय से निर्देश मिलते ही ये शुरू कर दिया जाएगा.
क्या है क्रैश कोर्स?
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों की काफी कमी महसूस की गई थी. इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने 18 जून को फ्रंटलाइन वारियर्स के लिए क्रैश कोर्स की शुरुआत की थी, जिसके तहत देशभर में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार किया जाएगा.