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झारखंड में बेरोजगारी, विस्थापन और भ्रष्टाचार के खिलाफ करेंगे आंदोलनः दीपांकर भट्टाचार्य

भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने बटाई पर खेती करने वाले मजदूरों को भी किसान मानने की मांग की. साथ ही कहा कि जन विरोधी फैसलों पर गैर भाजपा दलों की सरकार, चाहे झारखंड की जेएमएम सरकार हो, पं. बंगाल की ममता बनर्जी सरकार हो या पंजाब की आप सरकार, इनके खिलाफ भी आंदोलन चलाएंगे.

CPI ML General Secretary Dipankar Bhattacharya press conference in Ranchi
दीपांकर भट्टाचार्य की प्रेस वार्ता

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Published : Apr 5, 2022, 9:07 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 9:49 PM IST

रांची: भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि झारखंड सहित देश के कई राज्यों में चल रही गैर भाजपा दलों की भी सरकार द्वारा लिए जाने वाले फैसलों पर माले चुपचाप नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार जनविरोधी फैसले लेगी तो उसके खिलाफ भी आवाज उठाई जाएगी. इसके अलावा उन्होंने आने वाले समय में झारखंड में पार्टी को मजबूत करने के लिए आंदोलन शुरू करने का भी ऐलान किया है. भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में भी बेरोजगारी, विस्थापन और भ्रष्टाचार की समस्या है, हम इनके खिलाफ भी आंदोलन करेंगे. साथ ही खेतिहर मजदूरों को भी किसान मानने के लिए आंदोलन की भी बात कही.

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भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आने वाले समय में माले और मासस की नजदीकियां और बढ़ने के संकेत दिए हैं. रांची में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड बिहार और देश के अन्य राज्यों में वामपंथ को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है.उन्होंने कहा कि अगले वर्ष फरवरी में होने वाले महाधिवेशन में इस पर सकारात्मक निर्णय होने की संभावना है. झारखंड गठन के लिए यहां हुए आंदोलन में यदि झामुमो के शिबू सोरेन का हाथ था तो एके राय जैसे वामपंथियों की भी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. हमारी जड़ें झारखंड में शुरुआती दौर से ही मजबूत रही हैं इसलिए यहां पार्टी को नई ताकत देने की कोशिश फिर से की जाएगी.

दीपांकर भट्टाचार्य
किसानों के मुद्दे पर जन आंदोलन करेगी मालेः दीपांकरकिसानों की फसल का उच्चतम एमएसपी मूल्य निर्धारित कराने को लेकर माले आंदोलन को तेज करेगी. माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बटाई पर खेती करने वालों मजदूरों को भी किसान की मान्यता दिलाने को लेकर संघर्ष तेज किया जाएगा. जिससे उन्हें वाजिब हक मिल सके. आज भी झारखंड सहित देश के कई राज्यों में बटाई या लीज पर मजदूरों द्वारा खेती किए जाने की परंपरा है. जिसमें खेती करने वाले लोगों को सरकार किसान नहीं मान रही है. इसके अलावे सरकार द्वारा निजीकरण को बढ़ावा देने का विरोध किया जाएगा. इसके कारण दलित पिछड़ों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि आदिवासी विस्थापन के मुद्दे पर भाकपा माले संघर्ष तेज करेगी. रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने की पहल करे भारतः मालेमाले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रसिया यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त कराने के लिए भारत सरकार से पहल करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस युद्ध के कारण करीब एक करोड़ लोगों को विस्थापित होना पड़ा है, जिसमें भारत के भी लोग शामिल हैं.उन्होंने यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौटे युवाओं के लिए देश में ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की भी सरकार से मांग की, जिससे उनका करियर खतरे में न पड़ जाय. उन्होंने मांग की कि भारत सरकार केन्द्र और राज्य के सहयोग से ऐसी नीति बनाए जिससे उनकी पढ़ाई भारत में ही फिलहाल हो जाए. गैर भाजपा शासित राज्यों के फैसले पर मूकदर्शक नहीं रहेगी मालेःमाले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने झारखंड सहित देश के कई राज्यों में चल रही गैर भाजपा दलों की सरकार द्वारा लिए जाने वाले गलत फैसलों पर भी चुपचाप नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार जनविरोधी फैसले लेगी तो उसके खिलाफ भी आवाज उठाई जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की मांग है विपक्ष की एकता कैसे मजबूत करें, जिसके लिए हर दल को पहल करनी होगी.
Last Updated : Apr 5, 2022, 9:49 PM IST

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