रांची: झारखंड में तूफान से पहले की खामोशी बरकरार है. लेकिन एक बात साफ हो गई है कि हेमंत सरकार के लिए वर्तमान वर्ष के चंद अंतिम दिन शांति से गुजरने वाले हैं. उन कयासों पर विराम लग गया है कि सीएम के खिलाफ वारंट के लिए ईडी पीएमएलए कोर्ट में मूव करेगी. क्योंकि अब वह वक्त गुजर चुका है. कल से 1 जनवरी तक लोअर कोर्ट बंद रहेगा. लिहाजा, संवैधानिक संकट मामले में नये साल का पहला सप्ताह बेहद खास होने वाला है. सीएम की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि वह अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा पिछले साल नवंबर में हुई पूछताछ के दौरान ही दे चुके हैं. इसलिए बेवजह परेशान करने के लिए समन भेजना सही नहीं है.
कानून के जानकारों के मुताबिक ईडी के पास अपने स्टैंड को साबित करने के लिए कानूनी स्टेप के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. इसका असर भी देखने को मिला है. पिछले दिनों ईडी के रांची स्थित रिजनल दफ्तर में गतिविधियां बढ़ी हुई थी. कई बड़े अधिकारियों का आना-जाना लगा रहा. फिलहाल, ईडी दफ्तर में भी शांति है. इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि साल के पहले सप्ताह में कुछ बड़ा देखने को मिल सकता है.
जानकारों का कहना है कि शनिवार को सिविल कोर्ट में अपराह्न 4.30 बजे तक तक ही सामान्य कामकाज होते हैं. इसके बाद 1 जनवरी तक छुट्टी की वजह से विशेष मामलों पर ही कोर्ट विचार करती है. इसलिए ईडी को कोर्ट खुलने तक इंतजार करना होगा. रही बात सीएम हेमंत सोरेन की तो उनके पास बचाव का कोई ऑप्शन नहीं दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से समन मामले में पहले ही झटका लग चुका है. उनको बड़गाई अंचल में 8.46 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी मामले में 12 दिसंबर को पूछताछ के लिए छठे समन पर बुलाया गया था.
दूसरी तरफ आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम और विधानसभा के शीतकालीन सत्र की वजह से सीएम की व्यस्तता बढ़ी रही. इस दौरान सीएम अपनी हर सभा में इस बात पर फोकस करते रहे हैं कि वे जेल जाने से डरने वालों में से नहीं है. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन में अपने भाषण के दौरान भी शेर-ओ-शायरी के जरिए सीएम कह चुके हैं कि हम वो मुसाफिर नहीं जो बाधा देखकर चलना छोड़ दें. इससे साफ है कि सीएम बखूबी जानते हैं कि उनका सामना किस तरह की बाधा से होने वाला है.