रांची: वैश्विक महामारी कोरोना ने न केवल आम लोगों की जेब हल्की कर दी है बल्कि इसका सीधा असर राज्य सरकार के खजाने पर भी पड़ा है. एक तरफ जहां सरकार की आमदनी के स्रोत सीमित हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ रेवेन्यू कलेक्शन भी प्रभावित हो गया है. सरकारी आंकड़ों पर यकीन करें तो वित्त वर्ष 2020-21 के पहले क्वार्टर में इसी अवधि के दौरान वित्त वर्ष 2019-20 में हुए रेवेन्यू कलेक्शन में 20% से अधिक की कमी हुई है.
आंकड़ों के हिसाब से वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जहां राज्य सरकार को रेवेन्यू के रूप में 12,700 करोड़ की आमदनी हुई थी. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में यह घटकर 10,420 करोड़ के आसपास पहुंच गई. हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से मिले अनुदान की मात्रा ज्यादा है. वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक राज्य सरकार को केंद्र से 3,370 करोड़ रुपए केंद्रीय अनुदान के रूप में प्राप्त हुए हैं. जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में यह आंकड़ा 2,560 करोड़ का था.
सरकारी आमदनी के प्रमुख सोर्स
राज्य सरकार की आमदनी के दो प्रमुख सोर्स हैं. एक तो उसे केंद्रीय करों में अपनी हिस्सेदारी और सरकारी योजनाओं में केंद्र का अंश प्राप्त होता है. वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग विभागों से टैक्स के रूप में सरकार रेवेन्यू कलेक्ट करती है. उन प्रमुख स्रोत के रूप में उत्पाद विभाग, निबंधन विभाग, परिवहन विभाग, भू-राजस्व विभाग और खनन विभाग शामिल हैं.
रेवेन्यू बढ़ाने के लिए किए गए उपाय
रेवेन्यू बढ़ाने के मकसद से राज्य सरकार ने उत्पाद विभाग में एक तरफ जहां वैट में बढ़ोत्तरी की है, वहीं दूसरी तरफ विशेष कर भी लगाया गया. जिसकी वजह से शराब के मूल्यों में 30% तक की वृद्धि भी हुई है. वहीं पेट्रोल और डीजल पर दी जा रही छूट भी राज्य सरकार ने वापस ले ली. इसकी वजह से कीमत बढ़ोतरी हुई. इसके अलावे अलग-अलग उद्योगों की उत्पादन इकाई लंबे समय तक बंद रहे. हालांकि राज्य के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल एरिया आदित्यपुर में उत्पादन शुरू करने को लेकर राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की है, लेकिन उसकी वजह से भी राज्य सरकार की आय पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.