रांची: इस कोरोना काल में अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक काफी परेशान हैं. वे आर्थिक संकट से गुजर रहे, लेकिन अब तक सरकार की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी बार-बार कहा गया लेकिन कोई सुनवाई होता नहीं दिख रही है .आरयू के जनजातीय भाषा विभाग के शिक्षकों ने इसे लेकर आक्रोश व्यक्त किया है.
विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्थित हो, शिक्षकों की कमी को भरा जा सके. इसे देखते हुए वर्ष 2018 में ही अनुबंध पर राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. इसमें रांची विश्वविद्यालय के भी कई विभागों में अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिसमें जनजातीय भाषा विभाग में भी कई शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, लेकिन इन शिक्षकों को पिछले 27 महीना से वेतन नहीं मिला है.
कोरोना काल के दौरान इनकी स्थिति और खराब हो गई है. एक-एक पैसे के लिए मोहताज होना पड़ा रहा है.आर्थिक परेशानी के कारण यह शिक्षक भुखमरी की कगार पर हैं. अपने इस परेशानी को लेकर शिक्षकों ने राज्य सरकार के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी गुहार लगाई है , लेकिन इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा गया, न तो विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही विश्वविद्यालय प्रबंधन ने ही कोई कदम उठाया है.