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परीक्षा और नामांकन संबंधी कार्य का बहिष्कार करेगा अनुबंध शिक्षक संघ, मानदेय न मिलने से हैं नाराज

झारखंड के कई विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध पर कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों को उनका पूरा मानदेय अब तक नहीं दिया गया है. विवि प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया.अब अनुबंध शिक्षक संघ ने परीक्षा और नामांकन संबंधी कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

घंटी शिक्षक
घंटी शिक्षक

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Published : May 31, 2021, 10:54 AM IST

रांचीः झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर अनुबंध शिक्षक संघ ने निर्णय लिया है कि बिना मानदेय के वे लोग अब परीक्षा और नामांकन संबंधी कार्य का बहिष्कार करेंगे. गौरतलब है कि अनुबंध शिक्षक संघ ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर रविवार को एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया. इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

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कार्य बहिष्कार का निर्णय

बताते चलें कि वर्ष 2020 लॉकडाउन के दौरान से ही राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध पर कार्यरत घंटी आधारित शिक्षकों को उनका पूरा मानदेय अब तक नहीं दिया गया है.

लगातार मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के अलावा उच्च शिक्षा विभाग को भी अवगत कराया गया लेकिन इस और अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे ही अपनी और भी कई समस्याओं को लेकर अनुबंध शिक्षक संघ ने अपनी तमाम कर्मियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया. इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

विश्वविद्यालय को होगी परेशानी

शिक्षकों ने कहा है कि जब तक उनका मानदेय क्लियर नहीं किया जाएगा तब तक वे परीक्षा ,ऑनलाइन पठन पाठन, नामांकन जैसे कार्यों का बहिष्कार करेंगे.

विश्वविद्यालय के अनुबंध शिक्षकों के भरोसे ही परीक्षा संबंधी कार्य के अलावा कॉलेजों का रिजल्ट तक है और अगर यह शिक्षक इन कामों को बहिष्कार कर देंगे तो विश्वविद्यालय को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

घंटी आधारित शिक्षक हैं आक्रोशित

विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में तो कई विषयों में एक भी स्थाई शिक्षक नहीं हैं. अनुबंध शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन चल रहा है. इसके बावजूद इन कर्मियों को मासिक मानदेय सही समय पर नहीं दिया जा रहा है. पिछले वर्ष भी यह शिक्षक ऑनलाइन पठन पाठन को सुचारु रखा था लेकिन उस दौरान का मानदेय को भी भुगतान नहीं किया गया है और इस वर्ष भी कमोबेश वैसी ही स्थिति है. इससे ये शिक्षक काफी आक्रोशित हैं.

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