रांची:झारखंड में महागठबंधन के दलों में लोकसभा सीटों के लिए शह और मात का खेल शुरू हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एक दूसरे की सीट पर खुद को मजबूत बताते हुए दावेदारी करने लगे हैं. ऐसे में 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में जो पलामू लोकसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल को मिली थी, उस पर अब कांग्रेस की अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने दावा ठोक दिया है.
कांग्रेस अनुसूचित जनजाति विभाग ने पलामू लोकसभा सीट पर ठोका दावा, प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में 11 प्रस्ताव पारित - Jharkhand news
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी है. पार्टियों ने कई सीटों पर अपनी अपनी दावेदारी भी ठोकी है. ऐसी एक सीट पलामू लोकसभा की है जिसके पर कांग्रेस और राजद दोनों दावा कर रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में झारखंड कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ( SC DEPARTMENT) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गयी कि पलामू लोकसभा सीट पर कांग्रेस दावा करेगी. अब झारखंड प्रदेश एससी विभाग की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को इसकी विधिवत सूचना दी जाएगी. कांग्रेस के एससी विभाग के अध्यक्ष केदार पासवान ने कहा कि बैठक के दौरान जहां बोर्ड निगम आयोग में कांग्रेस कोटे से मनोनीत किये गए अध्यक्ष और सदस्यों को सम्मानित किया गया. वहीं 11 एजेंडे पर चर्चा के बाद उसे पारित किया गया.
ये हैं 11 प्रस्ताव जो कांग्रेस SC विभाग की बैठक में पारित हुए
- लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर संगठन सशक्तिकरण के कार्य में तेजी लाना.
- दलित मिशन के तहत दलित वोटरों को कांग्रेस से जोड़ना और दूसरे दलों के दलित नेताओं को पार्टी में शामिल कराना.
- अनुसूचित जनजाति रिज़र्व पलामू लोकसभा सीट पर मजबूती से दावेदारी महागठबंधन में करना.
- लीडर डेवलपमेंट मिशन के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दलित नेता की पहचान कर उन्हें सांगठनिक जिम्मेदारी देना
- दलित उत्पीड़न मामले में अनुसूचित जाति विभाग द्वारा मनुवादी और सामंतवादी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई मजबूत करना.
- अनुसूचित जनजाति के लोग खासकर युवा बेटे बेटियों को शिक्षित कर दें तथा उन्हें रोजगार से जोड़ने की पहल करना.
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस के दलित नेता कैसे चुनाव लड़े इसकी भागीदारी सुनिश्चित करना.
- झारखंड में अनुसूचित जाति आयोग के गठन होने के बावजूद इसके अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाने के मुद्दे को पूरी गंभीरता से सरकार के समक्ष उठाना.
- अनुसूचित जाति विभाग के हर जिले की जिला अध्यक्ष प्रखंड से लेकर पंचायत तक और उसके बाद बूथ तक संगठन को तैयार करने के काम मे तेजी लाना.
- प्रमंडल स्तर पर कांग्रेस की ओर से दलित सम्मेलन आयोजन करना.
- प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के नेताओं द्वारा कैलेंडर बनाकर सभी जिले का दौरा करना तथा प्रखंड कमेटियों के साथ बैठक करना.
झारखंड कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग की ओर से पलामू सीट पर दावेदारी को सही बताते हुए राजेश ठाकुर ने कहा कि महागठबंधन के सभी दलों को अपनी दावेदारी करने का अधिकार है. इसके अलावा राज्यभर में पार्टी अपनी संगठन विस्तार कर सकती हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि गठबंधन में कौन सीट किसे मिलेगी इसका फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तय करेंगे.