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Congress Presidential Election: झारखंड से कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पड़े 294 वोट, 19 अक्टूबर को मतगणना - पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी

झारखंड कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में सोमवार को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मतदान (Congress Presidential Election 2022 Voting) संपन्न हुआ. इस चुनाव के लिए झारखंड से कुल 294 वोट पड़े. मतपेटी को सील कर दिया गया. सेवा विमान से कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय मतपेटी भेजी जा रही है. 19 अक्टूबर को मतगणना होगी.

Congress Presidential Election minister Statement after voting Rural Development Minister Alamgir alam phrase
झारखंड कांग्रेस प्रदेश कार्यालय रांची में मतदान के बाद लोगों को अभिवादन करते लीडर

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Published : Oct 17, 2022, 3:55 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 10:42 PM IST

रांचीःझारखंड कांग्रेस प्रदेश कार्यालय रांची में सोमवार 17 अक्टूबर को सुबह निर्धारित समय से अखिल भारतीय कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट पद के लिए मतदान (Congress Presidential Election 2022 Voting ) हुआ. कुल 294 डेलीगेट्स ने वोटिंग की. राज्य के 319 डेलीगेट्स मेंबर मतदाता थे. मतपेटियों को सील कर दिया गया है. जिसे सेवा विमान से दिल्ली भेजा जा रहा है. वोटों की गिनती 19अक्टूबर को होगी.

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केएन त्रिपाठी का खारिज हो गया था पर्चाः वोट देने के बाद विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि कहीं से कोई दवाब नहीं था कि किसे वोट देना है. इस प्रयास से कांग्रेस के साथ लोकतंत्र मजबूत होगा. वहीं कांग्रेस नेशनल प्रेसिडेंट पद के लिए नामांकन करने वाले झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने वोट देने के बाद कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी प्रजातांत्रिक पार्टी है. त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस के आंतरिक चुनाव में भी डेमोक्रेटिक पद्धति अपनाई गई है. उन्होंने कहा कि कुछ त्रुटि की वजह से उनका आवेदन रद्द कर दिया गया था लेकिन जो भी कांग्रेस का नया अध्यक्ष निर्वाचित होगा, उम्मीद है कि वह कांग्रेस को और मजबूत और सबल बनाएगा.

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प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और डॉ. शशि थरूर के प्रस्तावक आदित्य विक्रम ने वोट देने के बाद कहा कि जो भी नया अध्यक्ष बनेगा, वह भारत जोड़ने और कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि डॉ. थरूर का विजन साफ है वह हर कांग्रेस को मान और सम्मान दिलाना चाहते हैं.



ये क्या कह गए ग्रामीण विकास मंत्रीःकांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मतदान में (Minister Statement After Voting) वोट देने के बाद झारखंड में कांग्रेस कोटे से मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development Minister Alamgir Alam Phrase) ने कहा कि कांग्रेस ही एक मात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा है. पार्टी में परिवारवाद का आरोप बेबुनियाद है. आलमगीर आलम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि गांधी परिवार पर परिवारवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है. मरा हाथी सवा लाख की कहावत दोहराते हुए आलमगीर आलम ने कहा कि सभी लोग कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं.


कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि जिस तरह से चुनावी प्रक्रिया पूरी हो रही है, नया उत्साह है, नई ऊर्जा का संचार हो रहा है और अनुशासन के साथ वोटिंग हो रही है. राज्य के ऊर्जा मंत्री रामेश्वर उरांव ने वोट देने के बाद कहा कि कौन सी ऐसी पार्टी है जो चुनाव कराती है. उन्होंने कहा कि चुनाव में जो उम्मीदवार जीतेगा, वह पार्टी का जनाधार भी बढ़ाएगा और चुनाव में सीट भी बढ़ाएगा.

चार बजे तक पहुंचना होगा मतदान केंद्रः मतदान के लिए सोमवार 04 बजे तक का समय निर्धारित है. कांग्रेस के सहायक निर्वाचन पदाधिकारी भावेश चौधरी ने रविवार को बताया कि जो भी डेलीगेट्स मेंबर शाम चार बजे तक मतदान केंद्र पहुंच जाएंगे, उन्हें वोटिंग राइट होगा, भले ही मतदान में समय अधिक लगे, परंतु 04 बजे के बाद मतदान केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. भावेश चौधरी ने कहा कि मतदान के बाद दोनों उम्मीदवारों के चुनाव प्रतिनिधि की उपस्थिति में मतदान पेटी को सील कर सोमवार को ही मतपेटी को दिल्ली में राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यालय भेज दी जाएगी.

बैलेट पर टिक का निशान लगाना हैःबता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव 2022 के लिए दो प्रत्याशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद शशि थरूर चुनाव मैदान में हैं, जबकि नामांकन पत्र दाखिल करने वाले झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का पर्चा खारिज कर दिया गया था. मतदान के लिए तैयार किए गए मतपत्र पर पसंदीदा प्रत्याशी के नाम के आगे टिक का निशान लगाना है.

चर्चा है कि राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस आलाकमान के प्रत्याशी हैंं, हालिया स्थिति को देखते हुए उनके चुनाव अभियान में वरिष्ठ नेताओं का भारी समर्थन भी इसकी ओर इशारा कर रहा है. सांसद शशि थरूर का सार्वजनिक मंच पर असंतोष जताना भी इसकी निशानदेही करता है. इससे पहले राजस्थान की बदली राजनीति के दौर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान की पसंद बताया जा रहा था, लेकिन उनके पक्ष में विधायकों की लामबंदी से स्थितियां बदल गईं. उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से अलग होना पड़ा. वहीं एमपी से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भी बदली परिस्थितियों में नामांकन पत्र खरीदने के बाद मैदान से हटना पड़ा था.

Last Updated : Oct 17, 2022, 10:42 PM IST

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