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कांग्रेस ने मनाई लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि, बीजेपी के किसान पंचायत पर साधा निशाना - भारतीय गणराज्य के संस्थापक

रांची में कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के मौके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के अलावा कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे. कार्यक्रम के बाद रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

Congress paid tribute to Sardar Vallabhbhai Patel in ranchi
सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि

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Published : Dec 15, 2020, 6:18 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के मौके पर मंगलवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. आज स्वतंत्रता सेनानी सुवंश झा की भी पुण्यतिथि थी. उनके चित्र पर भी माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि वल्लभभाई पटेल एक भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक थे.

भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे सरदार वल्लभभाई पटेल

रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय गणराज्य के संस्थापक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए कड़ा संघर्ष किया था और देश को एकता के सूत्र में बांधने में उन्होंने काफी योगदान दिया था, उन्होंने भारत को एकता के सूत्र में बांधने और आजाद बनाने का सपना देखा था, आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरुष भी कहा जाता है.

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बीजेपी पर निशाना
वहीं रांची और राज्य के अन्य स्थानों पर बीजेपी नेताओं के किसान सम्मेलन को ढोंग बताते हुए प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि उन्हें इसके बजाय सिंधु बॉर्डर, एनएच-24 और दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत कर समस्या का हल निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी नेता किसान आंदोलन की अनदेखी कर अपने निहित स्वार्थ में पूरे आंदोलन की दिशा को बदलने या किसानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, उससे अच्छा होता है कि प्रदेश बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता अपने केंद्रीय नेतृत्व को यह सुझाव देते कि जिनके लिए कानून बनाया गया है, उनकी बातों को भी सुन लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार को किसी भी कानून को बनाने के पहले उनके साथ जरूर विचार कर लेना चाहिए, जिनके लिए कानून बनाया जा रहा है, लेकिन बीजेपी कभी ऐसा नहीं करती, किसी और के कहने पर कानून तो बना लेती है, लेकिन जनविरोध के कारण वह सफल नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून लोकतंत्र की भावनाओं के अनुरूप नहीं है, यही कारण है कि किसान सड़कों पर है, अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से आंदोलनरत हैं, कृषि कानून के विरोध में शिरोमनी आकाली दल और कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया.

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