रांचीः झारखंड सरकार गिराने की साजिश और विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सबसे अधिक कांग्रेस विधायकों के नाम सामने आए हैं. इससे सूबे में पार्टी की किरकिरी हो रही है. वहीं, केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस से पूरे मामले में जवाब मांगा है. इसको लेकर बुधवार को ग्रामीण विकस मंत्री सह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के आवास पर विधायकों की बैठक हुई, जिससे वन टू वन बात की गई. इस दौरान पार्टी अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव भी मौजूद थे.
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सरकार गिराने की साजिश मामले में रांची पुलिस ने तीन 3 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार लोगों के बयान पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें कांग्रेस विधायक दिखे हैं. इससे कांग्रेस विधायक संहेद के घेरे में आ गए हैं. वहीं, इस मामले को जानने-समझने में प्रदेश कांग्रेस के वरीय नेता जुटे हुए हैं.
नहीं छोड़ सकते कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की ओर से जानकारी इकट्ठा की जा रही है, ताकि आलाकमान को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जा सके. वहीं, विधायक इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला ने साफ कहा है कि उनपर लग रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि पिता के इलाज के लिए दिल्ली गए थे. कहीं किसी सीसीटीवी फुटेज में दिख गए होंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में कांग्रेस नहीं छोड़ सकते हैं.
क्य है मामला
23 जुलाई की रात रांची पुलिस की अचानक हरकत शुरू हुई और कई होटलों में छापेमारी की. इस छामेमारी में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 24 जुलाई से सराकर गिराने की साजिश की चर्चा शुरू हुई. सूबे के राजनीति गलियारे में कहा जाने लगा कि कांग्रेस के 18 विधायकों में से 11 विधायक बीजेपी के सपर्क में हैं और सरकार गिराने की साजिश चल रही है. जिसमें बीजेपी सफल नहीं हुई. इतना ही नहीं, सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश हुआ, तो कई कांग्रेस नेताओं का बयान आने लगा. अब प्रदेश कांग्रेस के वरीय नेता नाराज विधायकों से बातचीत कर नाराजगी दूर करने में लगे हैं.