कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद प्रेस को संबोधित करते हुए रांचीःकांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद अपनी ही सरकार में बेबश और लाचार दिख रहीं हैं. बड़कागांव की युवा विधायक सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने में परहेज नहीं करती हैं. सड़क से लेकर सदन तक बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जानी जाती हैं. अपने इसी तेवर के लिए मशहूर अंबा प्रसाद फिर से एक बार चर्चा में हैं. सदन में गांव की सड़कों पर कंपनियां के अतिक्रमण का मुद्दा उठाया. इस पर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि 'आपको नहीं समझा सकतें, विभागीय मंत्री ही समझा पायेंगे'.
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क्या है पूरा मामला:कांग्रेस की बड़कागांव विधायक अम्बा प्रसाद ने बुधवार को विधानसभा में ग्रामीण सड़कों के अतिक्रमण का मुद्दा उठाया. कहा कि विधानसभा सचिवालय के निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है. नियमों को ताक पर रखकर ग्रामीण विभाग कार्य कर रही है. बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों को ग्रामीण सड़कों का उपयोग करने दिया जा रहा है. इसके लिए कंपनियों को NOC निर्गत कर दिया जा रहा है. कांग्रेस विधायक अम्बा प्रसाद ने कहा ग्रामीण विकास विभाग की ओर जो सड़कें सिर्फ ग्रामीण लोगों के लिए बनाई जाती है, जिसकी क्षमता अधिकतम पांच से नौ टन का हैं उसपर पचास-पचास टन तक का वजन वाला हाइवा चलाया जा रहा है. इसी के जवाब में स्पीकर ने कहा कि 'आपको नहीं समझा सकतें, विभागीय मंत्री ही समझा पायेंगे'.
मिलना चाहिए स्पीकर का संरक्षणःकांग्रेस विधायक ने कहा कि पहली बार कोई सदन में विधायक बनकर आता है तो उन्हें स्पीकर का संरक्षण मिलना चाहिए. अम्बा प्रसाद ने कहा कि पुराने सदस्य, बिना काम का मुद्दा भी उठाते रहते हैं, और उनको बोलने दिया जाता है. विधायक अपने साथ बड़कागांव के प्रतिनिधिमंडल को लेकर विधानसभा आयी थीं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों का मन बढ़ गया है. वे नियमों को ताक पर रखकर ग्रामीण सड़कों को कंपनियों के हवाले कर दे रहे हैं.
NOC के बाद कंपनियां कर लेतीं कब्जा:अंबा प्रसाद ने कहा कि NOC मिलने के बाद कंपनियां सड़कों पर धीरे-धीरे कब्जा कर लेती हैं. ऐसीसड़कों पर NTPC या अन्य कंपनियों का कब्जा हो जाता है. कहा कि सड़के देने के बाद यह ग्रामीणों के चलने के लायक भी नहीं रह जाता है. इन सड़कों पर होनेवाली दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती है. कई लोगों की जान भी ऐसी घटनाओं में जाने की बात कही. कहा कि बाद में आश्रितों को मुआवजा भी नहीं मिलता.
सरकार में रहते हुए करती रही हैं विरोधःसरकार से अंबा की नाराजगी कोई नई बात नहीं है. सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने से हिचकती नहीं है. अभी हाल में रामगढ़ उपचुनाव के पहले उनके दिए गए 60-40 का बयान खूब चर्चाओं में रहा था. जिसे विपक्ष ने भी भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था. चुनाव से ठीक पहले सत्ता पक्ष के विधायक की टिप्पणी का खामियाजा सरकार को चुनाव गंवा कर चुकाना पड़ा था. अंबा की तकरार पहले भी सरकार के साथ अन्य मुद्दों पर होती रही है. वो मजबूती से अपनी बात रखती रही हैं.
राम नवमी मुद्दे पर भी सरकार से इतरःकांग्रेस विधायक अम्बा प्रसाद ने कहा कि हजारीबाग में रामनवमी को लेकर अभी से तनाव की स्थिति बनी हुई है. सरकार को चाहिए की त्योहारों मे ऐसी स्थिति नहीं बने, जो फिलहाल हजारीबाग में बनी हुई है. कहा कि सरकार ने डीजे बजाने के लिए मना कर दिया है. जबकि लाउडस्पीकर के लिए परमिशन मिला है. आवाज दोनों से निकलती है. फिर सरकार को डीजे से क्या परेशानी है? कहा कि आनेवाले दिनों में सबकुछ ठीक ठाक से संपन्न हो जाए, यही उम्मीद करती हूं. प्रेम और भाईचारे के साथ मनाने की अपील की.