रांचीःआप सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी नहीं हैं, आप वोटर नहीं हैं तो आपकी परवाह भी किसी को नहीं है. कुछ ऐसा ही निजाम हो गया है झारखंड का. जिसका नजारा अक्सर मंजर ए आम होता रहता है. एक बार फिर यह कड़वी सच्चाई सामने आई है. इस बार मौका था झारखंड में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन (Congress Minority Rights Conference in Ranchi ) का. जहां मंच से झारखंड कांग्रेस के दिग्गजों की मौजूदगी में अल्पसंख्यक अधिकार की सदाएं गूंजती रहीं, लेकिन झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और अल्पसंख्यक समाज के नेताओं की मौजूदगी में भी मंच के सामने पानी बेच रहे बच्चों का किसी ने हाल तक नहीं पूछा. न ही बच्चों पर किसी ने बात की.
ये भी पढ़ें-अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलनः सरकार माइनोरिटी को हक दिलाने के लिए कटिबद्ध- राजेश ठाकुर
राजधानी के बरियातू मैदान में रविवार को अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री आलमगीर आलम, कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी और अल्पसंख्यक समाज के कई बड़े नेता शामिल हुए. मंच पर सभी नेता और गणमान्य लोग अधिकारों की सबसे ऊंची आवाज लगाने में जुटे थे. लेकिन वहीं मंच के सामने आठ से दस साल के बच्चे सबकी आंखों के सामने सम्मेलन में लोगों को पानी बेचते रहे. इधर, न किसी ने पढ़ाई और खेलने के उम्र में वो क्यों पानी बेच रहे हैं यह उनसे पूछा और न ही अधिकार सम्मेलन के मंच से उनके अधिकार पर दो बातें कहीं. सबसे असंवेदनशीलता यह रही कि इस दौरान झारखंड सरकार के दो मंत्री वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मौके पर मौजूद रहे.
भारतीय समाज में इन दिनों बिना दायित्व अपने अधिकारों की चिंता का चलन बढ़ा है. लोग अपने अधिकार की मांग के लिए बड़े-बड़े सम्मेलन करते हैं, लेकिन दूसरों के अधिकार का सम्मान नहीं करते. रांची अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में बच्चों का मामला कुछ इसी तरह का है. इसीलिए अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में बच्चों की बातें किसी ने नहीं की. यहां तक की अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की भी नहीं.