रांची: संथाल की हूल क्रांति को आजादी की पहली लड़ाई के रूप में माना जाता है. इसी को देखते हुए राजधानी रांची में भी हूल दिवस पर कांग्रेस पार्टी ने मोराबादी स्थित सिद्धू कान्हू पार्क में सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. साथ ही उनकी कुर्बानियों का याद किया. राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता, आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव ने सिदो कान्हू पार्क में सिदो कान्हू को याद कर श्रद्धांजलि दी.
सिदो कान्हू को दी श्रद्धांजलि. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि देश में स्वतंत्रता की लड़ाई भले ही इतिहासकार के अनुसार सन 1857 में हुई हो लेकिन झारखंड के वीरों ने वर्ष 1855 में ही सिदो कान्हू और फूलों झानो ने शुरुआत कर दी थी.
मंत्री बन्ना गुप्ता ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि 1857 की लड़ाई को इतिहास में बड़े पैमाने पर याद किया जाता है लेकिन 1855 में झारखंड की हूल क्रांति को कहीं न कहीं इतिहास में कम तवज्जो दी गई है.
भाजपा कर रही सिर्फ राजनीति
वहीं मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सिदो कान्हू के वंशज रमेश मुर्मू की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर भाजपा सिर्फ राजनीती कर रही है. आलम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सिदो कान्हू के परिजन के हत्यारे को सजा दिलाने के लिये राज्य सरकार सजग है और जो भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत सही होगा उसको किया जायेगा.
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इस अवसर पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज वे जब सत्ता से बाहर हैं तो उन्हे संथाल परगना की याद आ रही है है, लेकिन जब वो मुख्यमंत्री थे तो उन्हे कभी भी संथाल के लोगों के हित का काम नहीं किया.
हूल दिवस के मौके पर कांग्रेसी नेताओ ने भाजपा के मौन श्रद्धांजलि कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि अगर विपक्ष सच में संथाल की भलाई और रामेश्वर मुर्मू के मौत की जांच चाहती है तो बेहतर सुझाव दें, न कि सरकार पर आरोप मढ़ राजनीति करने का काम करे.