रांची: हेमंत सरकार को गिराने की साजिश जैसे गंभीर आरोपों से घिरे कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोनगाड़ी एक तस्वीर को लेकर फिर सुर्खियों में आ गये हैं. एफआईआर और निलंबन के बाद दलबदल का सामना कर रहे तीनों विधायकों को झारखंड युवा कांग्रेस के महासचिव मोहम्मद नौशाद ने माला पहनाकर एक तरह से संगठन और हाईकमान को चुनौती दे दी है. उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि तीनों विधायकों को साजिश के तहत फंसाया गया है. साजिशकर्ता को कभी माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यहां तक कहा है कि कोलकाता से तीनों विधायकों के वापस लौटने पर भव्य स्वागत भी किया जाएगा.
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अब सवाल है कि क्या जांच पूरी हुए बगैर पार्टी के युवा विंग का एक पदाधिकारी क्या इस तरह से बयान जारी कर सकता है. इसको लेकर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने झारखंड युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अभिजीत राज से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि तीनों विधायकों से मेरे भी अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं. उस लिहाज से हुई मुलाकात पर आपत्ति जैसी कोई बात नहीं है. लेकिन क्लीनचिट मिलने से पहले महिमा मंडन करना पार्टी अनुशासन के उल्लंघन के दायरे में आता है. इसलिए युवा कांग्रेस के महासचिव को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. अगर उन्होंने कोई बयान जारी किया है तो उनपर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पार्टी सर्वोपरी है.
कैश कांड में गिरफ्तारी से लेकर अबतक क्या-क्या हुआ:झारखंड में ऑपरेशन लोटस की चर्चा तेज थी. इसी बीच 30 जुलाई को कांग्रेस के तीनों विधायक पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कैश के साथ पकड़ लिए गये (Congress MLA Cash Scandal). इनके पास से करीब 49 लाख रुपए बरामद हुए. इसके अगले ही दिन बेरमो से कांग्रेस विधायक जयमंगल उर्फ अनूप सिंह रांची में अरगोड़ा थाना पहुंच गये और तीनों के खिलाफ जीरो एफआईआर कराया. उन्होंने आरोप लगाया कि तीनों विधायकों ने फोन कर कोलकाता आने और सरकार को गिराने में मदद करने को कहा था. बकौल अनूप सिंह उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया था. यह भी कहा गया था कि सरकार गिराने में मदद करने वाले विधायकों को 10-10 करोड़ दिए जाएंगे. इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी कर रही है. गिरफ्तारी के तत्काल बाद कांग्रेस प्रभारी ने दिल्ली में तीनों को पार्टी से निलंबित करने की घोषणा की. कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीनों विधायकों को तीन माह के लिए 17 अगस्त को जमानत दी. कोर्ट ने शर्त रखी कि तीनों विधायक कोलकाता नहीं छोड़ेंगे.