रांची: झारखंड में कांग्रेस राज्यसभा सांसद और व्यवसायी धीरज साहू, उनके रिश्तेदारों और कारोबारी सहयोगियों के यहां से बड़ी रकम मिलने के बाद भाजपा नेता आक्रमक हैं. वहीं, कांग्रेस नेता और प्रवक्ता डिफेंसिव मोड में हैं. हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब कांग्रेस को असहज होना पड़ा. एक के बाद एक कई कांग्रेस नेताओं ने कुछ ऐसा किया जिसने विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा दे दिया.
एक नजर उन घटनाओं पर जिसकी वजह से कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा: जुलाई 2022 में कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगारी और राजेश कच्छप का नाम इसमें आया था और 50 लाख की राशि भी बरामद हुई थी. इस मामले को राज्य में सरकार गिराने से जुड़ा बताकर कांग्रेस की ओर से ही अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. तब भी अपनी पार्टी की छवि बचाने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने आरोप भाजपा पर आरोप लगया था.
स्वास्थ्य मंत्री का वीडियो:स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का अप्रैल 2023 में एक डर्टी वीडियो वायरल हुआ था. 21 सेकंड के इस वायरल वीडियो को लेकर राज्य में जहां राजनीतिक बयानबाजी का दौर चला वहीं बन्ना गुप्ता ने इसे विरोधी दलों की साजिश बताते हुए वीडियो की वैधता पर सवाल खड़े किए. इस मामले में जमशेदपुर में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई जो अभी लंबित हैं. लेकिन इस घटना की वजह से भी राज्य में कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा.
योगेंद्र साव का मामला: हजारीबाग में 50 डिसमिल खास-महाल की जमीन पर अवैध बाउंड्री करने के मामले में कांग्रेसी विधायक अम्बा प्रसाद और उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र प्रसाद का नाम सुर्खियों में रहा. इस प्रकरण की वजह से भी झारखंड कांग्रेस अपने ही नेताओं की वजह से बैकफुट पर नजर आती दिखी.
वित्त मंत्री के यहां 30 लाख नकद मिले:वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के यहां से 30 लाख की नकदी मिलने की खबर ने भी झारखंड कांग्रेस की न सिर्फ फजीहत कराई बल्कि जनता में पार्टी को लेकर परसेप्शन खराब हुआ. शराब घोटाला मामले में ईडी ने 30 जगहों पर रेड किया था, जिसमें सबसे ज्यादा सुर्खियां वित्त मंत्री के आवास से मिली रकम की खबर थी.
अब राज्यसभा सांसद धीरज साहू के यहां पिछले सात दिनों से चल रही IT की कार्रवाई में जिस तरह 350 करोड़ नकदी और बड़ी मात्रा में सोना चांदी बरामदगी की खबरें आ रही हैं. प्रधानमंत्री और अन्य बड़े नेताओं के सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी बताया जा रहा है. कांग्रेस और उसके बड़े नेता फिर एक बार अपने ही नेताओं द्वारा किये जा रहे फजीहत से परेशान हैं.
प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने राज्यसभा सांसद धीरज साहू को पार्टी द्वारा स्पष्टीकरण की बात कहकर दल की छवि बचाने की कोशिश की जा रही है, तो कृषि विपणन पर्षद के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह भी कहते हैं कि पार्टी आलाकमान इन सब मुद्दों पर गंभीर हैं. वहीं, झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा कहते हैं कि भाजपा के इशारे पर एजेंसियां काम कर हैं, यह जगजाहिर है.