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बढ़ती महंगाई के विरोध में कांग्रेस ने निकाला पीएम का अर्थी जुलूस, फूंका पुतला - रांची में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जुलूस

रांची में गुरुवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी की ओर से पीएम के पुतले को अर्थी के रूप में सजा कर रखा गया और अर्थी जुलूस निकाल कर अल्बर्ट एक्का चौक के सामने प्रदर्शन कर पुतला फूंका. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने मूल्य वृद्धि को वापस लेने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर अंकुश लगाने की मांग की.

effigy of PM burnt by congress in Ranchi
effigy of PM burnt by congress in Ranchi

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Published : Dec 17, 2020, 7:19 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की ओर से देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. पिछले 20 दिनों में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में लगभग 100 रुपये की बढ़ोत्तरी के खिलाफ कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री का अर्थी जुलूस निकालकर महंगाई के खिलाफ पुतला दहन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने मूल्य वृद्धि को वापस लेने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर अंकुश लगाने की मांग की गयी. साथ ही प्रधानमंत्री के अर्थी को शहर के विभिन्न स्थलों पर रोक कर शोक प्रकट किया गया.

भाजपा ने दर्शाया दोहरा चरित्र

प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने कहा यूपीए शासनकाल में 10-15 पैसे भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी होती थी, तो भाजपा सड़कों पर उतर कर नंगा नाच करती थी. लेकिन आज देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत लगभग सामान हो गयी और पेट्रोल की कीमत सौ रुपये के आसपास पहुंचने जा रही है, तो भाजपा नेताओं की चुप्पी उनके दोहरे चरित्र को दर्शाती है.

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जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन

शकील अख्तर अंसारी ने कहा कि 70 वर्षां में ऐसा पहली बार हुआ, जब पेट्रोल-डीजल की कीमत इतनी ऊंचाई पर पहुंच गयी है और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के कारण महिलाओं के घर का बजट बिगड़ गया है. इन सबके पीछे केंद्र सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं. पार्टी इस जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन चलाएगी.

पूंजीपतियों को मिला लाभ

कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने कहा कि मूल्यवृद्धि रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है. केंद्र की सरकार ने अपना जनविरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर किया है. कोरोना काल में पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें 10 रुपये के नीचे तक चली गई थी. लेकिन इसका कोई फायदा देशवासियों को नहीं मिला. बल्कि भारत जैसे विकासशील देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतें बराबर हो गईं. प्रधानमंत्री ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का काम किया, जो देश से छुपी हुई नहीं है.

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