रांचीः झारखंड में लंबे समय से खराब पड़ी ग्रामीण सड़कों (Condition of Rural Roads) के दिन बदलने वाले हैं. राज्य सरकार ने दिसंबर तक राज्य के करीब चार हजार किलोमीटर सड़कों को मरम्मत और निर्माण का कार्य पूरा करने का दावा किया है. इसको लेकर विभागीय तैयारी पूरी कर ली गई है.
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ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत नवंबर तक करीब 3100 किलोमीटर सड़क बनाने की स्वीकृति मिल जायेंगी. इसके अलावे वर्तमान समय में चल रहे मुख्यमंत्री सड़क योजना, पथ प्रमंडल विशेष योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत करीब दो हजार किलोमीटर सड़क बनाने का काम चल रहा है, जो दिसंबर तक दिखने लगेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दो साल सड़क निर्माण कार्य विलंब हुआ. लेकिन अब समय बदलते ही सबकुछ ठीक हो रहा है.
ग्रामीण सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साधती रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आए पैसे को भी खर्च नहीं कर पा रही है. इससे ग्रामीण सड़कों की स्थिति खराब है और लोग परेशान हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत झारखंड को साल 2021 में 60 सड़कें और 25 पुलों का निर्माण करने की स्वीकृति मिली थी, जिसे 8 अक्टूबर 2022 तक पूरा करना था. समय सीमा समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से समय की मांग की है.
राज्य सरकार की दलील है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत झारखंड में सड़क और पुल निर्माण योजनाओं की स्वीकृति दी गई थी. लेकिन बारिश को देखते हुए इसे रोका गया था. अब शीघ्र सड़क निर्माण योजना पूरा किया जाएगा. बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत भारत सरकार 60% और राज्य सरकार 40% राशि खर्च करती है. इसी तरह की सुस्ती मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री सेतु योजना में भी देखी जा रही है. इस योजना को विधायकों की अनुशंसा पर पूरा किया जाता है. प्रत्येक विधायक को 10 करोड़ की सड़क और 10 करोड़ की पुल निर्माण किया था. लेकिन अनुशंसा में हुई देरी की वजह से कई जगहों पर अभी काम शुरू नहीं किया जा सका है.