रांचीः इस साल मानसून में कम बारिश होने से झारखंड के किसानों की खेती बर्बाद हो गयी. बारिश ना होने से प्रदेश में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गयी. इसके बाद सरकार द्वारा इसका आंकलन किया गया. राज्य में सूखा से प्रभावित प्रखंड चिन्हित किए गए. इसमें झारखंड के सूखाग्रस्त 226 प्रखंड सामने आए (compensation for 226 drought hit blocks farmers in Jharkhand). अब सरकार सूखाग्रस्त प्रखंडों के किसानों को मुआवजा देने जा रही है, इसके लिए झारखंड कृषि निदेशालय की तैयारी भी शुरू हो गयी है.
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राज्य में 01 जून 2022 से लेकर 15 अगस्त 2022 तक सामान्य 658.9MM की जगह 426.3MM ही बारिश हुई. सामान्य से लगभग 35 फीसदी कम बारिश और मानसून के शुरुआती दिनों में मानसून के धोखे ने झारखंड के किसानों की खेती बर्बाद कर दी और आर्थिक रूप से भी किसानों को कमजोर कर दिया. ऐसे में राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखा से प्रभावित प्रखंड घोषित कर अब सरकार इन प्रखंडों के हर किसान को 3500 रुपया डीबीटी के माध्यम से राशि ट्रांसफर करने जा रही है. इसके लिए कृषि विभाग और आपदा निदेशालय योजना कैसे धरातल पर उतरेगी, इसको अंतिम रूप देने में लगी है.
मुकेश कुमार सिन्हा, उपनिदेशक, कृषि निदेशालय राज्य के सिर्फ पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा ऐसे दो जिले हैं, जहां अल्प वर्षा की वजह से सुखाड़ जैसे हालात नहीं हुए. इस वजह से इन दो जिलों के किसी भी प्रखंड को सुखाड़ग्रस्त घोषित नहीं किया गया है. इस योजना का लाभ सुखाड़ग्रस्त प्रखंडों के किसानों तक पहुंचाने के लिए तैयारियों को कृषि भवन में अंतिम रूप देने में लगे उप कृषि निदेशक मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि 15 नवंबर यानी राज्य स्थापना दिवस के दिन से किसानों को सुखाड़ राहत की राशि मिलने की शुरुआत हो जाये, इसकी कोशिश की जा रही है.
आइये, जानते हैं कि किस जिले के कौन कौन प्रखंड को सरकार ने मॉडरेट और सीवियर सुखाग्रस्त प्रखंड के रूप में चिन्हित किया (drought hit blocks in Jharkhand) है. जहां के किसानों को डीबीटी के माध्यम से सहायता राशि भेजी जाएगी. इस पहले सीवियर यानी अत्यंत सूखाग्रस्त प्रखंडों की बात करते हैं. जिसमें सबसे पहले बोकारो जिला के गिरिडीह, कसमार, पेटरवार, गोमिया, बेरमो और नावाडीह प्रखंड हैं. फिर चतरा जिला के कान्हा, चट्टी, सिमरिया और टंडवा प्रखंड को मॉडरेट यानी कम सूखाग्रस्त. वहीं जिला के ही इटखोरी और मयूरहंज प्रखंड को सीवियर सूखा प्रभावित वर्ग में रखा गया है. देवघर के सारवां, सारठ, करौ, देवघर, मोहनपुर, सोनाराय ठाढ़ी, मधुपुर, पालोजोरी, मारगोमुंडा और देवीपुर को सीवियर कैटेगरी में रखा है. धनबाद जिला के गोविंदपुर, टुंडी, तोपचांची, धनबाद, बलियापुर, निरसा, कलियासोल, एगारकुंड, पूर्वी टुंडी और बाघमारा को प्रखंड को सीवियर वर्ग रखा गया है. दुमका के जरमुंडी, दुमका, जामा, मसलिया, रानेश्वर, शिकारीपड़ा, सरैयाहाट, रामगढ़, काठीकुंड और गोपीकांदर अत्यंत सूखाग्रस्त वर्ग में है. वहीं गढ़वा जिला के मेराल, डंडई, रमना, विशुनपुरा, भवनाथपुर, चिनिया मझिआंव, सगमा, गढ़वा, डंडा रंका, कांडी, धुरकी, बड़कर, नगर उंटारी, रमकंडा, बरडीहा केतार, खरौंधी और भंडरिया की सीवियर कैटेगरी है. गिरिडीह जिला के गांडेय, बेंगाबाद, जमुआ, धनवार, बगोदर, सरिया, डुमरी, पीरटांड़, गिरिडीह, बिरनी, तिसरी, देवरी एवं गांवा को सीवियर वर्ग में रखा गया है. गोड्डा के गोड्डा, पत्थरगामा, बसंतराय महागामा, मेहरमा, बारीजोर सुंदर पहाड़ी, पोड़ैयाहाट और ठाकुरगंगती प्रखंड को सीवियर वर्ग में रखा गया है.
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अन्य जिला के मॉडरेट और सीवियर कंडिशन की बात करें तो गुमला जिला में मॉडरेट प्रखंडों में गुमला, पालकोट, चैनपुर, डुमरी, जारी, कामडारा, सिसई, भरनो और विशुनपुर शामिल है. जबकि घाघरा और रायडीह सीवियर वर्ग में है. हजारीबाग के मॉडरेट प्रखंड में डाड़ी, बड़कागांव और केरेडारी है, जबकि हजारीबाग, चुरचू, दारू, इचाक, टाटीझरिया, कटकमसधी, कटकमदाग, बरही, चौपारण, बरकट्ठा, चलकुशा, पद्मा और विष्णुगढ़ सीवियर हालत में हैं. जामताड़ा जिला के नारायणपुर, कर्माटांड़, जामताड़ा, नाला, कुंडहित और फतेहपुर में सूखे की हालत सीवियर है. खूंटी के खूंटी, मुरहू, अड़की, कर्रा, तोरपा और रनिया प्रखंडों के हालात सीवियर हैं. कोडरमा जिला के कोडरमा, जयनगर, मरकच्चो, डोमचांच और सतगांवा प्रखंड सीवियर वर्ग में है. लातेहार जिला के महुआटांड़ और गारु प्रखंड मॉडरेट वर्ग में है, हेरहंज, बरियातू, लातेहार, चंदवा, बालूमाथ, मनिका और बरवाडीह सीवियर हैं. लोहरदगा जिला के
लोहरदगा, सेन्हा, भंडरा, कुड़ू, कैरो, किस्को और पेशरार में मॉडरेट सुखाड़ है. पाकुड़ जिले के पाकुड़िया, पाकुड़, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, आमरपाड़ा और महेशपुर में सीवियर सुखाड़ है. पलामू जिला के मनातू, लेस्लीगंज, पांकी, मेदिनीनगर, तरहसी, विश्रामपुर, नावाबाजार, पांडु, पड़वा, हरिहरगंज, छतरपुर, नवडीहा बाजार, रामगढ़, चैनपुर, उताड़ी रोड, पाटन, सतबरवा, हैदरनगर, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज और पिपरा प्रखंड में सीवियर सुखाड़ है. इसके अलावा कुछ मॉडरेट सुखाड़ प्रखंडों की बात करें तो इसमें दुलमी, चितरपुर, मांडू, पतरातू और गोला प्रखंड हैं. वहीं रांची जिला के मॉडरेट सूखा प्रखंडों में मांडर, बेड़ो, इटकी, ओरमांझी, नामकुम, अनगड़ा, सिल्ली, तमाड़, रातू, नगड़ी, बुढ़मू, खलारी, लापुंग और बुंडू शामिल है. साथ ही जिला के सीवियर इलाकों में चान्हो और सोनाहातू प्रखंड शामिल है. साहिबगंज जिला के बरहरवा, साहिबगंज, बोरियो, मंडरो, बरहेट, पाटना, राजमहल, उधवा और तालझारी ब्लॉक सीवियर सुखाड़ वर्ग में हैं. सरायकेला खरसावां जिला के मॉडरेट इलाकों में सरायकेला, खरसावां, कुचाई, चांडिल, ईचागढ़, कुकडु, राजनगर और गम्हरिया प्रखंड शामिल है. वहीं पश्चिमी सिंहभूम के मॉडरेट सुखाड़ इलाकों में झींकपानी, टोंटों, जगरनाथपुर, नोवामुंडी, मझगांव, कुमारीडूंगी, मंझारी, तान्तनगर, चक्रधरपुर, सोनुवा, गोईलकेला, मनोहरपुर, बंदगांव, हाटगम्हरिया और गुदरी प्रखंड शामिल है. वहीं जिला के सीवियर सुखाड़ वर्ग में चाईबासा, खूंटपानी और आनंदपुर प्रखंड शामिल है.