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त्रिकूट रोपवे हादसे की जांच के लिए कमेटी का गठन, दो माह के भीतर देनी होगी रिपोर्ट - Jharkhand news

दस अप्रैल को देवघर के त्रिकूट रोपवे हादसे की जांच के लिए एक 4 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है. ये समिति दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

Committee formed to investigate Trikoot ropeway accident
Committee formed to investigate Trikoot ropeway accident

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Published : Apr 19, 2022, 9:27 PM IST

रांची:देवघर के त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे की जांच के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है. पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. समिति को दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.

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10 अप्रैल हो त्रिकूट रोपवे हादसे की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है. समिति में पर्यटन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और आईएसएम धनबाद के नामित प्रतिनिधि सदस्य रहेंगे. समिति के अध्यक्ष को अधिकार दिया गया है कि वह देश के किसी भी संस्थान के विशेषज्ञ को जांच में सहयोग के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

10 अप्रैल को रामनवमी के दिन देवघर के त्रिकूट पर्वत स्थित रोपवे की सवारी के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, लेकिन शाम करीब 4:30 बजे के आसपास पूली से स्टील रोप के उतर जाने से सभी 24 ट्रॉलियां फंस गई थीं. इसी दौरान त्रिकूट पर्वत की चोटी पर एक ट्रॉली के रोप से गिरने की वजह से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी, इसके अलावा दो अन्य लोगों की भी मौत हुई थी. जबकि डेढ़ साल का एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था. फिलहाल उस बच्चे का इलाज रांची के मेडिका में चल रहा है.

हादसे के बाद रोपवे कंपनी के मेंटेनेंस कर्मी पन्नालाल ने स्थानीय लोगों की मदद से कई लोगों की जान बचाई थी. बाद में 11 और 12 अप्रैल को एयरफोर्स, सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जॉइंट रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 60 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था. हालांकि एअरलिफ्ट के क्रम में 11 अप्रैल को एक पुरुष और 12 अप्रैल को एक महिला की खाई में गिरने की वजह से मौत हो गई थी.

विपरीत भौगोलिक परिस्थिति के बावजूद एयरफोर्स ने जिस तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था उसकी चौतरफा तारीफ हुई थी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन में शामिल टीम के साथ-साथ स्थानीय पन्नालाल को सम्मानित किया था. इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पन्नालाल को रियल हीरो बताते हुए 5 लाख की सम्मान राशि दी थी.

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