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रांची में भी हो सकती है सूरत जैसी घटना!, बहुमंजिला इमारतों में चल रहे कोचिंग सेंटर, नहीं है फायर सेफ्टी सिस्टम

राजधानी में बहुमंजिला इमारतों में चल रहे कोचिंग सेंटरों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है. पिछले दिनों गुजरात के सूरत में बहुमंजिला इमारत में आग लगने से डेढ़ दर्जन विद्यार्थियों की जान चली गई थी. इस बड़ी दुर्घटना से भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है.

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Published : May 27, 2019, 5:29 PM IST

रांचीः पिछले दिनों गुजरात के सूरत में एक बड़ा हादसा हुआ. एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने से करीब डेढ़ दर्जन विद्यार्थियों की जान चली गई. इस भयावह दुर्घटना के बाद भी लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं. राजधानी रांची में कोचिंग सेंटर चलाने वाले बड़े-बड़े इमारतों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है. पहले से लगे फायर फाइटर सिलेंडर भी एक्सपायर हो चुके हैं. इस मामले पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है.

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जब बड़ी दुर्घटनाएं होती है तब माना जाता है सिस्टम की कुंभकरणी नींद टूटती है, लेकिन राजधानी रांची में तो सूरत में हुई दुर्घटना का कोई असर नहीं दिख रहा. यहां भी कई बहुमंजिला इमारतों में दर्जनों की संख्या में कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं. दुर्भाग्य ये है कि इन जगहों पर सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती गई है. अग्निशमन विभाग के अनुसार किसी भी कोचिंग सेंटर ने इसके लिए एनओसी नहीं लिया गया है.

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लापरवाही से चल रहे इस सिस्टम पर अग्निशमन विभाग ऑन द कैमरा कुछ भी बोलने से गुरेज कर रही है. वहीं, कोचिंग संस्थान चलाने वाले प्रबंधक भी हमारे सवालों से भाग रहे हैं. गौरतलब है कि रांची के लालपुर में कोचिंग हब कहे जाने वाले हरिओम टावर के आलावा कई ऐसे बहुमंजिला इमारतें हैं जहां धड़ल्ले से बिना एनओसी के कोचिंग सेंटर चलाए जा रहे हैं. इस ओर ध्यान देने वाला फिलहाल कोई नहीं है.

मामले को लेकर हमारी टीम ने संबंधित अधिकारियों से भी बात करने की कोशिश की लेकिन अधिकारी चुप हैं. वहीं, यहां पढ़ने वाले छात्रों ने भी इस मामले को लेकर चिंता जताई है. हरिओम टावर के मुख्य सुरक्षा कर्मी की मानें तो इस इमारत में एक भी फायर सिलेंडर सही नहीं है. सभी एक्सपायर हो चुके हैं. ऐसे में अगर कोई बड़ी घटना घट जाती है तो जान बचाकर भागना ही एकमात्र उपाय है.

बता दें कि शहर में लगातार अगलगी की घटनाएं घट रही है. तीन-चार दिन पहले रिम्स के हॉस्टल में भी बेतरतीब तरीके से की गई वायरिंग के कारण आग लगने की घटना हो चुकी है. इससे पहले कोकर, कांटा टोली सहित कई इलाकों में आग लगने से नुकसान की खबरें सामने आ चुकी है. अब तक इस ओर प्रशासन ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाए हैं. ऐसे में इस तरह मामले को नजरअंदाज करना बड़ी दुर्घटना को न्योता देने जैसा है.

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