रांची: प्रदेश की महागठबंधन सरकार रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर गंभीर हो गई है. दरअसल, मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के प्रथम क्वार्टर के दौरान कथित तौर पर 40% से कम रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर राज्य सरकार चिंता की मुद्रा में है. इसी बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में एक बैठक गुरुवार को स्टेट सेक्रेटेरिएट में हुई. बैठक के बाद माइंस डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी अबू बकर सिद्दीकी ने बताया कि बैठक में माइनिंग को लेकर भी चर्चा हुई.
उन्होंने बताया कि लंबे समय से जो खदान बंद हैं, उन्हें फिर से शुरू करने को लेकर चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि दरअसल रेवेन्यू कलेक्शन अपेक्षाकृत कम हुआ है. इसी वजह से उस टारगेट को पूरा करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है. वहीं, कोयले की डिमांड को लेकर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में कोल डिमांड 50% हो रही है. उन्होंने कहा कि दरअसल, पावर कंजंक्शन कम है इसलिए कोल की डिमांड भी काफी कम हो गई है. उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में कोल का डिस्पैच महज 50% हुआ है, लेकिन अब धीरे-धीरे डिमांड बढ़ रही है.