रांची: राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार, विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. यह बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को उच्च, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास विभाग के नीतिगत विषयों की समीक्षा के दौरान कही.
बीआईटी सिंदरी को राष्ट्र स्तर का संस्थान बनाने की योजना
इस उच्चस्तरीय बैठक में शिक्षक और शिक्षकेतरकर्मियों के पदों पर रिक्तियों, नियमित नियुक्तियों के लिए व्यवस्था, संविदा आधारित शिक्षकों की समस्या, बीएड कॉलेजों में नामांकन से संबंधित प्रस्ताव और राजकीय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों को राज्यों के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत संचालित किए जाने संबंधी नीतिगत विषयों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की. इसके अलावा तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत बीआईटी सिंदरी को उच्च कोटि के राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान के रूप में विकसित करने, राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों को मजबूत बनाने, नवनिर्मित व निर्माणाधीन अभियंत्रण महाविद्यालयों और पॉलीटेक्निक संस्थान को मल्टी डिसीप्लनरी संस्थान के रूप में विकसित करने के साथ रांची स्थित साइंस सिटी परियोजना के अलावा दुमका और देवघर में तारामंडल परियोजना के निर्माण और उपयोगिता पर भी विभागीय पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने जानकारी ली और कई निर्देश दिए.
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खाली पदों को भरना प्राथमिकता
बैठक में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय जमशेदपुर, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू और सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय दुमका में कुल 3732 पद स्वीकृत हैं. इसमें 2030 पद रिक्त हैं, जबकि 4181 अतिरिक्त पद हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले 2008 में विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर जेपीएससी के माध्यम से बहाली हुई थी. वर्तमान में इन पदों पर नियुक्ति के लिए बेहतर विकल्प पर भी इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया. इस दौरान सीएम ने कहा खाली पदों को भरना उनकी प्राथमिकता है.
घंटी आधारित शिक्षकों के मानदेय पर चर्चा