रांची: झारखंड में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए इसके चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है.
जीवन और जीविका बचाने का प्रयास
सीएम ने कहा कि झारखंड एक गरीब राज्य है और हमारी शुरू से प्राथमिकता रही है कि जीवन और जीविका दोनों को बचाया जाए. उसे को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया कि 22.04.2021 को सुबह 06ः00 बजे से 29.04.2021 के 06ः00 बजे के सुबह तक ‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह’ का पालन किया जाएगा, जिससे कोविड 19 के चेन को तोड़कर कर उस पर नियंत्रण किया जा सके.
1. आवश्यक सामग्री की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकाने बंद रहेंगी.
2. भारत सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के चिन्हित कार्यालय को छोड़ सभी कार्यालय बंद रहेंगे.
3. कृषि, औद्योगिक, निर्माण और खनन कार्य की गतिविधियां चलती रहेंगी.
4. धार्मिक स्थल खुले रहेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी.
5. कोई भी व्यक्ति अनुमति प्राप्त कार्यों को छोड़कर अपने घर से बाहर नहीं निकलेगा.
6. 5 से अधिक व्यक्तियों का कहीं भी एकत्रित होना वर्जित रहेगा.
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आवश्यक सेवाओं को लेकर दी गई है कुछ रियायतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को जन-भागीदारी से ही रोका जा सकेगा. इस लिए सभी से अनुरोध है कि अति आवश्यक कार्य छोड़कर अपने घर से बाहर ना निकलें. सीएम ने 22 अप्रैल सुबह 6:00 बजे से 29 अप्रैल सुबह 6:00 बजे तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा की है. लॉकडाउन को स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया गया है. इसके तहत आवश्यक सेवाओं को लेकर कुछ रियायतें दी गई हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने कोरोना की चेन तोड़ने को लेकर इसकी घोषणा की.
संक्रमण की चेन तोड़ना जरूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना बेहद जरूरी है. इसलिए राज्य में 'स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह' को लेकर निर्णय लिया गया है. यह 22 अप्रैल सुबह 6 बजे से 29 अप्रैल सुबह 6 बजे तक लागू होगा. सभी से अपील है कृपया नियमों का कड़ाई से पालन करें.
जनहित में सरकार का निर्णय
हेमंत सोरेन सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. सीएम आवास में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक झारखंड में लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन को लेकर पिछले दिनों झारखंड सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसमें लॉकडाउन को लेकर सुझाव आये थे. कोरोना के प्रकोप के बीच जनहित में सरकार ने आज ये निर्णय लिया है.
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बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की अपील
राज्य में कोरोना के कहर को देखते हुए राज्य सरकार ने रविवार को सभी कोचिंग संस्थान, स्कूल, कॉलेज को बंद करने का फैसला लिया था. इसके अलावा राज्य में होने वाली सभी प्रकार की परीक्षाओं को भी स्थगित करने का निर्णय लिया था. शादी विवाह में भी अब सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि अगले आदेश तक राज्य में आयोजित होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित रहेंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों से बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की थी. इसके साथ ही विशेष परिस्थिति में मास्क लगाकर ही बाहर निकलने का आग्रह किया था.
जेपीएससी सहित सभी परीक्षाएं स्थगित
मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद राज्य में 2 मई को होने वाली जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भी स्थगित हो गई है. सातवीं से लेकर दसवीं जेपीएससी परीक्षा में करीब 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है. राज्य के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जेपीएससी की ओर से सिविल सेवा परीक्षा 2 मई को आयोजित करने के लिए तिथि निर्धारित की गई थी. इन चार परीक्षाओं के लिए 252 पदों पर नियुक्ति होनी है.
कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
बता दें कि झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है. इसके रोकथाम के लिए राज्य सरकार लगातार पहल कर रही है. सभी जगहों पर कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन की टीम दिन रात मेहनत कर रही है. पिछले 24 घंटे में झारखंड में कोरोना के 4,290 नए मामले पाए गए. राजधानी रांची में सबसे अधिक 1,404 मरीज मिले हैं. इसके अलावा पूर्वी सिंहभूम में 640, बोकारो में 188, देवघर में 112, धनबाद में 149, हजारीबाग में 237, कोडरमा में 230, खूंटी में 103, रामगढ़ में 145, साहिबगंज में 153 और सिमडेगा में 137 मरीज मिले हैं.