झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

पीएम को सीएम हेमंत का पत्र, मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की मांग, वैक्सीन के रेट पर भी उठाए सवाल - झारखंड में कोरोना के मामले

झारखंड में टीकाकरण को लेकर सूबे के सीएम हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में झारखंड को मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की मांग की गई है.

RANCHI
हेमंत सोरेन

By

Published : Jun 1, 2021, 11:50 AM IST

Updated : Jun 1, 2021, 12:15 PM IST

रांची:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के हालात से अवगत कराते हुए मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की मांग की है. उन्होने इस बात का भी जिक्र किया है कि किसको पहले टीका दिया जाए, इसे तय करने की छूट भी राज्य को मिलनी चाहिए. सीएम ने कहा है कि यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना वायरस के प्रभाव को खत्म करने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र कारगर विकल्प है. कम समय में राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो इसके लिए राज्य सरकार पूरी कोशिश कर रही है.

सीएम ने पीएम को लिखा पत्र
सीएम ने पीएम को लिखा पत्र

ये भी पढ़े-झारखंड में चिकित्सकों को मिलेगा सेवा विस्तार, शीघ्र कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना

सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि राज्य सरकार को 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के आयु वर्ग के लोगों के लिए उत्पादकों से खुद वैक्सीन अरेंज करना होगा. हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद उत्पादकों से जरूरत के मुताबिक वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

इस वजह से वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार पर निर्भरता बढ़ती जा रही है. मुख्यमंत्री ने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि वर्तमान प्रावधान के तहत अगर राज्य सरकार 18 साल से 44 साल तक के लोगों के लिए टीका खरीदती है तो उसे करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे. क्योंकि झारखंड में इस आयु वर्ग की आबादी करीब 1.57 करोड़ है. यही नहीं आगे चलकर 18 साल से कम आयु वर्ग के लिए भी टीका अरेंज करना पड़ेगा. इसके लिए भी करीब एक हजार रुपए खर्च करने होंगे. राज्य सरकार पर यह बड़ा आर्थिक बोझ होगा क्योंकि पहले से ही कोरोना के खिलाफ तमाम सीमित संसाधनों का इस्तमाल करना पड़ रहा है.

राज्यों को क्यों टीका खरीदने को कहा जा रहा है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में इस बात पर फोकस किया है कि देश में पोलियो समेत कई तरह के टीकाकरण अभियान चलते रहते हैं. इसके लिए केंद्र की तरफ से मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए राज्यों को उत्पादकों के जरिए कोरोना वायरस का टीका खरीदने को कहा जा रहा है. यह व्यवस्था संघीय ढांचे के खिलाफ नजर आती है.

एक वर्ग के लिए टीका की कीमत 1000 रु. क्यों

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि जब 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को निजी अस्पतालों में 250 रु में टीका मिल रहा था तो फिर 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के लिए टीके की कीमत 1000 रु क्यों रखी गई है. यह संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है.

Last Updated : Jun 1, 2021, 12:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details