हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड रांची/पुरी:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना की. उन्होंने झारखंड वासियों की उन्नति, सुख- शांति और स्वस्थ जीवन की कामना की. इस मौके पर मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से उन्हें भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ी फोटो फ्रेम भेंट की. इस दौरान उनके सचिव विनय कुमार चौबे भी मौजूद थे.
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पूजा करने के बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में मौजूद भगवान जगन्नाथ के भक्तों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया. यहां मीडिया से बात करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने नक्सल समस्या पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई आखिरी चरण में है और अगर ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ साथ आएं और नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ें तो हमें जल्द ही सफलता मिलेगी. सीएम ने कहा कि जब दीया बुझने लगता है तो फड़फड़ाता है. इससे कोई दिक्कत नहीं है. जवानों का मनोबल ऊंचा है और अब नक्सलवाद अंतिम पड़ाव पर है. वहीं सीएम ने यहां पर झारखंड में शुरू किए गए एयर एंबुलेंस के बारे में भी बात कही. उन्होंने बताया कि इस एयर एंबुलेंस का लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति भी ले सकता है.
अपनी पत्नी कल्पना के साथ सीएम हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिवसीय दौरे पर ओडिशा गये थे. वह भुवनेश्वर स्थित गेस्ट हाउस में रुके. वहां से लिंगराज मंदिर बेहद नजदीक था. लिहाजा, 28 अप्रैल को भुवनेश्वर पहुंचने के बाद सबसे पहले लिंगरांज मंदिर पहुंचे और पूजा की.
दरअसल, कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी और इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के फाउंडर डॉ अच्युत सामंता ने अपने संस्थान में नि:शुल्क शिक्षा ले रहे हजारों गरीब और आदिवासी बच्चों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था. 28 अप्रैल को बच्चों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने डॉ अच्युत सामंता के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें झारखंड आने का निमंत्रण दिया था, ताकि झारखंड के नौनिहालों को उनका मार्गदर्शन मिल सके.
अपनी पत्नी कल्पना के साथ सीएम हेमंत सोरेन यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम कैसे और बेहतर करें, यह जानने और सीखने के लिए आपके बीच आया हूं. उन्होंने कहा कि मैं इस नेक संस्था के लिए कुछ तो नहीं ला सका, लेकिन मैं अपने एक माह का वेतन इस संस्थान को दूंगा. इस दौरान सीएम ने झारखंड में मेधावी गरीब बच्चों के लिए शुरू जयपाल सिंह मुंडा अंतरदेशीय स्कॉलरशीप योजना की जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि झारखंड के बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में आने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी, इससे संबंधित कानून भी बनाया गया है.
आपको बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस पूरे विश्व में सबसे बड़ा आदिवासी संस्थान है, जिसे 1992-93 में डॉ अच्युत सामंता द्वारा शुरू किया गया था। इस संस्थान में देश भर के वंचित आदिवासी वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने के साथ- साथ रोजगारपरक बनाया जाता है. वर्तमान में यहां करीब 40 हजार आदिवासी बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा निःशुल्क दी जा रही है.