रांची: प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस ला रही ट्रेनों के भाड़े को लेकर उभरी कथित राजनीति के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने तय किया है कि मजदूर और छात्रों से किसी भी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाएगा.
स्पेशल ट्रेनों में नहीं देना होगा कोई किराया
सीएम हेमंत सोरेन ने साफ कहा कि इस बाबत उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी बात की थी. करीब 2 दिन पहले केंद्रीय मंत्री से हुई बात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा की झारखंड रेलवे को सबसे अधिक रेवन्यू देने वाला राज्य है. ऐसे में संक्रमण की इस घड़ी में मजदूरों को लाने और छात्रों को उनके घर तक लाने की प्रक्रिया में रेलवे को उनसे पैसे नहीं लेने चाहिए. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से भी यह आग्रह भी किया था.
झारखंड पहुंचे मजदूरों को 20 किलो अनाज
सीएम ने कहा क्वॉरेटाइन के बाद सरकार अनाज का पैकेट दे रही है. झारखंड आए प्रवासी मजदूरों पर उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से झारखंड आए मजदूरों के क्वॉरेंटाइन की अवधि समाप्त होने के बाद राज्य सरकार 20 किलोग्राम के अनाज का एक पैकेट भी दे रही है. उन्होंने कहा कि उस अनाज के पैकेट में मजदूरों के खाने-पीने की सारी सामग्री है. वहीं, पड़ोसी राज्य से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.
मजदूरों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार
राज्य सरकार के द्वारा जारी वेब पोर्टल में रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बसों से मजदूरों को वापस लाना है. उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार मजदूरों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. लेकिन उन्हें भी थोड़ा धैर्य रखना होगा क्योंकि यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी होगी. लॉकडाउन में रियायत पर बाद में विचार होगा. लॉकडाउन में रियायत को लेकर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि झारखंड में असली समस्या तब बढ़ेगी जब लोग वापस आएंगे और यह बात वह बार-बार कह रहे हैं.
मजदूरों को स्वस्थ रखना और घर पहुंचाना मकसद-सीएम
उन्होंने कहा कि पहले सरकार वापस लौट रहे लोगों को उनके घर तक पहुंचाएगी. उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखेगी. उसके बाद ही इन सब मुद्दों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार का मकसद वापस आ रहे लोगों को स्वस्थ रखना और उन्हें घर पहुंचाना है.
ट्रेन के भाड़े को लेकर सियासत
दरअसल, सोमवार की सुबह ही कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी के एक ट्विटर मैसेज से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि प्रवासी मजदूर और छात्रों से कथित तौर पर पैसे लिए जा रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्षा ने इस बाबत राज्य के सभी कांग्रेस कमेटी को निर्देश दिया कि मजदूरों द्वारा दिए जा रहे उन पैसों का भुगतान प्रदेश कांग्रेस कमेटी करें. बता दें कि झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलावा राजद सरकार में शामिल है.