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कल्पना सोरेन नहीं लड़ेंगी चुनाव, बोले सीएम हेमंत सोरेन, यह बीजेपी का है ख्याली पुलाव - कल्पना सोरेन

Kalpana Soren will not contest elections. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन चुनाव नहीं लड़ेंगी. यह बात खुद सीएम ने कही है. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी के चुनाव लड़ने की बात बीजेपी की कोरी कल्पना है.

Chief Minister Hemant Soren said that Kalpana Soren will not contest elections
Chief Minister Hemant Soren said that Kalpana Soren will not contest elections

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 3, 2024, 6:30 AM IST

Updated : Jan 3, 2024, 8:10 AM IST

रांचीः झारखंड की राजनीति में चल रहे उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन चुनाव नहीं लड़ने जा रही हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई को कहा है कि गांडेय से कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के जो कयास लगाए जा रहे हैं वह सिर्फ बीजेपी की कोरी कल्पना है. इसमें किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है. भाजपा एक फॉल्स नेरेटिव सेट करना चाह रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया है कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के निकट भविष्य में दूर-दूर तक चुनाव लड़ने की कोई संभावना नहीं है.

बता दें कि इस बात की चर्चा तब शुरू हुई थी, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम ईडी के सातवें और अंतिम समन के ठीक बाद गांडेय से झमुमो के विधायक सरफराज अहमद ने विधायक पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था. इसके फौरन बाद भाजपा के कई नेताओं मसलन, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर संभावना जताई थी कि सारी कवायद कल्पना सोरेन को चुनाव लड़ाने के लिए की जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इन्हीं मसलों को ध्यान में रखते हुए 3 जनवरी को सीएम आवास पर शाम 4:30 बजे सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक बुलाई गई है.

खास बात है कि सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर यानी रविवार को विधायक पद से इस्तीफा दिया था और स्पीकर ने उसी तारीख पर इस्तीफा को मंजूरी देते हुए 1 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी किया था. इसी के बाद झारखंड की राजनीति में खलबली मच गई थी. अब सवाल है कि जिस बात की चर्चा 1 जनवरी से चल रही है, उसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 जनवरी की देर शाम समाचार एजेंसी के जरिए सफाई क्यों दी है. गौर करने वाली बात है कि पिछले साल सीएम के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग का मंतव्य राजभवन पहुंचने के बाद भी इसी तरह की स्थिति उत्पन्न हुई थी. उस वक्त सत्ताधारी दल के विधायकों की रांची से रायपुर तक सैर हुई थी. तब भी मुख्यमंत्री के आवास पर लगातार बैठकों का दौर भी चला था, लेकिन समय के साथ पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब इस मामले में किस तरह का ट्विस्ट सामने आता है, यह आने वाला समय ही बताएगा.

Last Updated : Jan 3, 2024, 8:10 AM IST

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