रांची:झारखंड में वन क्षेत्र का दायरा बढ़ाएगी सरकार. ओपन वन क्षेत्र को मॉडरेट और मॉडरेट वन क्षेत्र को सघन वन क्षेत्र बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी. देवघर, पाकुड़, दुमका और धनबाद जैसे जिलों में सघन वन क्षेत्र को बढ़ाने की दिशा में काम होगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस बाबत निर्देश दिया है. राजधानी रांची और उसके आसपास की पहाड़ियों के अतिक्रमण को रोककर हरियालीकरण पर फोकस किया जाएगा. हरमू नदी और स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल से लेकर उसके तटीय इलाकों में वृहत पैमाने पर वृक्षारोपण होगा. शहरी क्षेत्रों खासकर राजधानी रांची में मध्यम आकार के पौधों को लगाने की दिशा में कार्य किया जाएगा.
वन विभाग की तरफ से 108 नर्सरी का संचालन
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्तमान में वन विभाग की तरफ से 108 नर्सरी का संचालन हो रहा है. इन नर्सरियों में 5 रु. में फलदार पौधे बेचे जाते हैं. मुख्यमंत्री ने हर प्रखंड में एक नर्सरी विकसित करने को कहा. यह नर्सरी कम से कम 5 एकड़ जमीन में हो. मुख्यमंत्री ने बेर, कुसुम, पलाश जैसे पेड़ लगाने को कहा, ताकि वनोपज पर आधारित आदिवासी समाज को इसका फायदा मिल सके. झारखंड में सड़कों के किनारे छायादार और फलदार पेड़ लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वन क्षेत्रों का अतिक्रमण तेजी से हो रहा है. ऐसे में वन क्षेत्र की जियो मैपिंग कराकर उसका सीमांकन के साथ घेराबंदी की जाए.
वन क्षेत्रों में पर्यटन की काफी संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के वन क्षेत्रों में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं. ऐसे में विभाग संभावना वाले वन क्षेत्रों को पर्यटन के लिए विकसित करने की दिशा में ब्लू प्रिंट तैयार करें. उन्होंने कहा कि पर्यटन संभावित क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को गाइड के रूप में रखे. इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा.
स्कूलों में पौधे लगाने की योजना