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लातेहार में सीएम हेमंत सोरेन बोले, हम लोगों को फंसाने के लिए एजेंट से काम कराती है केंद्र सरकार

सीएम हेमंत सोरेन लातेहार दौरे पर शुक्रवार को पहुंचे. यहां केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और आदिवासी कार्ड से गुरुजी तक का विक्टिम कार्ड चला. अपनी सफाई दी और आदिवासी समाज को अपने पक्ष में लामबंद किया.

CM Hemant Soren
सीएम हेमंत सोरेन

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Published : Aug 26, 2022, 5:47 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 8:24 PM IST

लातेहारः सीएम हेमंत सोरेन के लातेहार दौरे पर राजनीतिक पंडितों की नजर है. इस बीच सीएम हेमंत सोरेन ने लातेहार से केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया. उन्होंने लातेहार में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों को फंसाने के लिए दिल्ली की सरकार एजेंट से काम करवाती है.

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लातेहार में सीएम ने कहा कि हमारे कार्यक्रम को देखने के लिए आम लोग आते थे. हमारे वह बुजुर्ग लोग भी आते थे जो यह देखने आते थे कि यह उसी शिबू सोरेन का बेटा है जो हम आदिवासियों का दर्द समझता है और हमें वह आशीर्वाद देने आए थे और उसी आशीर्वाद से आज सरकार यहां पहुंची है. झारखंड आंदोलन से जुड़े जो भी केस लगाए गए हैं उन सभी केस को सरकार वापस लेगी.

पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोपःलातेहार में सीएम हेमंत सोरेन पूर्ववर्ती सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 20 साल में यहां की पुरानी सरकारों ने झारखंड को लूटा है और झारखंड का खजाना खाली कर दिया. इस दौरान सीएम ने विवादित बयान भी दे डाला. कहा कि अब तक पूरे तौर पर नालायकों की सरकार झारखंड में चली है.

सीएम ने कहा कि झारखंड की जनता के आशीर्वाद से हम लोगों ने डबल इंजन की सरकार को उखाड़ फेंका है. झारखंड में जब इन लोगों को जनता का समर्थन नहीं मिला तो अब यह लोग हमारी सरकार को उखाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. झारखंड में हमें भाजपा ने कुर्सी नहीं दी है अगर मैं झारखंड में कुर्सी पर हूं तो हमें इसे झारखंड की जनता ने दिया है.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में हमारी सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा जा रहा है. हमने चैलेंज कर दिया है कि ईडी सीबीआई इनकम टैक्स जितनी भी एजेंसियों से चाहो तुम उनसे अपने मनमाफिक काम करवा लो, लेकिन मैं डरने वाला और झुकने वाला नहीं हूं. मैं जनकल्याण के काम से जुड़ा रहूंगा.

क्या किसी ने कभी सोचा था कि झारखंड के हर बुजुर्ग को पेंशन मिलेगी लेकिन आपके आशीर्वाद से ही आपके बेटे ने यह तय कर दिया है कि झारखंड के सभी बुजुर्ग लोगों को हर हाल में पेंशन मिले. हमने केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि हमारे राज्य में गरीबी बहुत है, इसलिए हमें पेंशन की संख्या बढ़ानी है. हमें पैसा और दे दो लेकिन केंद्र की सरकार ने नहीं माना. केंद्र की सरकार कुछ देने वाली नहीं यह लेने वाली सरकार है.

सरकार की तारीफः सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिस तरीके से कामकाज का मॉडल सेट किया है, उससे नियुक्तियां भी हो रही हैं और सरकार पर लोगों का विश्वास भी बढ़ रहा है. झारखंड में सब कुछ है, खनिज संपदा से भरा हुआ है लेकिन फिर भी झारखंड के लोगों को भूख से मरना पड़ता है. यह सबसे बड़ा सवाल है. नौजवानों को रोजगार नहीं मिलता, यह सब कुछ पिछले 20 साल में चली हुई सरकारों की देन है.

झारखंड राज्य में बाहरी ताकतों के गिरोह सक्रिय हैं, जिसने 20 सालों में इस राज्य को तहस-नहस कर दिया. 2 साल पहले कोरोना वायरस आने के कारण घर में ताला बंद करने की स्थिति हो गई थी और 2 साल बाद जब हम काम करने के लिए बाहर निकले हैं तो हमारे पीछे और शैतान लग गए हैं.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं आदिवासी का बेटा हूं, आदिवासियों में कभी डर नहीं रहा. मैं आदिवासी का बेटा हूं और हमारे डीएनए से डर को पहले ही हमारे पूर्वजों ने निकाल दिया है.

गुरुजी कार्डःसीएम हेमंत सोरेन ने लातेहार में लोगों से कहा कि भारत सरकार पर झारखंड का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपया बकाया है. झारखंड सरकार ने जब अपने बकाये रुपये की मांग की तो केंद्र की सरकार ने हमारे पीछे एजेंसियों को दौड़ा दिया. गुरुजी को लोकपाल में फंसाने के बाद हमारे पीछे लगाया है.

राष्ट्रपति पर भी निशानाः सीएम हेमंत सोरेन ने लातेहार में राष्ट्रपति पर भी निशाना साधा. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा कि आदिवासी दिवस पर उन्होंने आदिवासियों को शुभकामनाएं तक नहीं दी. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के प्रधानमंत्री होने के बाद भी देश के आदिवासियों को शुभकामनाएं नहीं दी क्योंकि यह आदिवासियों को ठीक नजर से नहीं देखते हैं. हमें संकल्प लेना है कि हमें बटना नहीं है, नहीं तो यह लोग हमें बांट करके खत्म कर देंगे.

रांची राजभवन पर भी निशानाः भाषण में के अंत में उन्होंने कहा कि अभी हमें जाना है क्योंकि राजभवन पता नहीं क्या षड्यंत्र रच रहा है. पिछले चार-पांच महीने से मुझे गद्दी से हटाने के लिए मेरा गला रेतने के लिए आरी बना रहा है, लेकिन आरी बन ही नहीं पा रही है. क्योंकि वे लोग जो आरी बना रहे हैं वह टूट जा रही है.

अस्तित्व को लेकर डरायाः हमें आदिवासी एकजुटता को बनाए रखना है. नहीं तो हम आदिवासी समाज के लोग मजाक बन जाएंगे. बेवकूफ बना डालेंगे यह लोग हम सभी लोगों को.

Last Updated : Aug 26, 2022, 8:24 PM IST

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