रांची:राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में खादी मेले का आयोजन किया गया है. रविवार को झारखंड के मुख्यमंत्री है हेमंत सोरेन ने इस खादी मेले का विधिवत उद्घाटन किया.
7 से 12 जनवरी तक मेले का आयोजन:खादी प्रेमियों के लिए खादी मेला सुनहरा मौका बनकर आया है. 7 जनवरी से लेकर 12 जनवरी तक रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव का आयोजन किया गया है. रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खादी एवं सरस मेले का विधिवत उद्घाटन किया. इस वर्ष खड़ी मेले में खड़ी के वस्त्रों पर 25 फीसदी का बंपर डिस्काउंट भी लोगों को मिलेगा. इसके साथ ही अन्य वस्त्रों पर 20 फीसदी की छूट मिलेगी. इस वर्ष मेले में 300 स्टाल लगाए गए हैं, जिसमें सरस और खादी के द्वारा 120 स्टॉल लगाए गए हैं. मेले में एसबीआई, जेएसएलपीएस, मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग, झारखंड हस्तकरघा और हस्तशीलप निदेशालय समेत अन्य सरकारी स्टॉल भी लगे हैं.
सीएम ने खादी को बताया सभ्यता का हिस्सा:सीएम ने यहां कहा कि खादी सिर्फ एक पहनावा मात्र नहीं है. यह हमारी सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और स्वदेशी होने का परिचायक है. उन्होंने कहा कि हम सभी इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि खादी के साथ महान शख्सियत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम जुड़ा है, जिन्होंने देश-दुनिया में खादी को अलग पहचान दी. ऐसे में हम सभी को खादी से जुड़ने की जरूरत है, ताकि हम अपनी पारंपरिक ग्रामीण और स्वदेशी व्यवस्था को और मजबूत करते हुए आगे ले जा सकें.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाना चाहे जितना आगे बढ़ जाए, लेकिन हमारे देश और राज्य में आज भी ग्रामीण तथा स्वदेशी व्यवस्था की अहमियत बरकरार है. खादी जैसा ग्राम उद्योग इसी का एक उदाहरण है. गांव-देहात की ऐसी व्यवस्थाओं को हमें हर हाल में आगे ले जाना है और इसके लिए इससे जुड़ी चुनौतियों निपटना होगा. यह सिर्फ सरकार के स्तर पर संभव नहीं है, इसके लिए हर व्यक्ति को पहल करनी होगी.
रोटी, कपड़ा और मकान की हर किसी को जरूरत:मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत हमारे पूर्वजों को भी थी. हमें भी है और आने वाली पीढ़ी को भी रहेगी. इसके बिना हमारी जिंदगी आगे नहीं बढ़ सकती है. ऐसे में हर व्यक्ति तक इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार काम कर रही है.