झारखंड

jharkhand

ऐसा क्या हुआ कि भावुक हो गये मुख्यमंत्री, अधिकारियों से क्यों मांगा सहयोग, पढ़ें रिपोर्ट

By

Published : Dec 29, 2020, 8:02 PM IST

हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है. सरकार की पहली वर्षगांठ के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दिल की बात बता दी. उन्होंने अपना दर्द भी साझा किया.

http://10.10.50.75:6060///finalout2/jharkhand-nle/finalout/29-December-2020/10050278_pic1.jpg
हेमंत सरकार का एक साल

रांची:हेमंतसरकार की पहली वर्षगांठ के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दिल की बात बता दी. अपना दर्द भी साझा किया. 2 बजकर 40 मिनट पर मुख्यमंत्री जब अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो उनके भाषण का पहला लाइन था- 'आप लोगों के ही आशीर्वाद से सरकार बनी है, मैं आपके बीच का ही हूं, झारखंड ही मेरी पहचान है'. इसके बाद मुख्यमंत्री वैश्विक महामारी के कारण उपजे हालात, चुनौतियों और आशंकाओं पर बोलने लगे.

कार्यक्रम का उद्घाटन करते सीएम

सीएम हेमंत ने खुलकर कहा कि एक वक्त ऐसा आया कि मैं सहम गया, भीतर से डरा हुआ था कि पता नहीं यह महामारी झारखंड के साथ क्या करेगी, लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के बावजूद सरकारी तंत्र के भरोसे ही आगे बढ़ना था और इसमें सभी का सहयोग मिला, इसी का नतीजा है कि महामारी से निपटने में टॉप 3 राज्यों में आज झारखंड का नाम आ रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल हो गए, लगता है सब कुछ थम सा गया है, लेकिन कब तक. जानते हैं कि झारखंड की 80% आबादी खेती-बाड़ी और मजदूरी पर आश्रित है, खनिज का प्रचुर भंडार और प्राकृतिक सुंदरता के बावजूद हमारा राज्य बहुत पीछे है, चाहते हैं कि सभी विधवा, विकलांग और गरीबों को सहायता दें, लेकिन जब विभाग होमवर्क करके आता है तो कहता है कि इस पर 800 करोड़ खर्च हो जाएंगे, कहां से आएगा पैसा, जब सभी गरीब को राशन देने की बात करते हैं तो विभाग की लाचारी दिखती है, कुछ नया करना चाहते हैं तो पता चलता है कि विभाग पर पहले से बकाया है, मुफ्त बिजली देना चाहते हैं तो पता चलता है कि विभाग खुद कर्ज के बोझ में है, विभागों की स्थिति खंगालते हुए जब तह तक पहुंचे तो पता चला कि पूर्व की सरकार ने खाली खजाने की चाबी थमा दी है, ऊपर से विपक्ष आरोप लगाता है कि वादों को पूरा नहीं किया, लेकिन क्या करें. यही वजह है कि किसानों का ऋण माफ करने में एक साल लग गए.

अभिवादन स्वीकार करते सीएम

अधिकारियों का चाहिए सहयोग- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, 5 साल के भीतर इस राज्य को ऐसा बना देंगे कि राज्य को भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, ना वर्ल्ड बैंक के पास हाथ पसारना होगा और न केंद्र सरकार के पास, इसके लिए अधिकारियों का साथ चाहिए, अब तक राज्य भगवान भरोसे चलता रहा.

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते सीएम

राजस्व बढ़ाने की कोशिश जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बनने के बाद से अब तक अपने संसाधनों से राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा हूं, तकलीफ होती है जब पता चलता है कि हमारा कोई खिलाड़ी हड़िया बेच रहा है, राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि जिला स्तर पर खेल पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया, खिलाड़ियों को अलग से नौकरी में आरक्षण देने की भी तैयारी की जा रही है.

लोगों का अभिवादन करते सीएम

इसे भी पढे़ं: हेमंत सरकार का 1 साल पूरा होने पर आजसू ने मनाया विश्वासघात दिवस, कहा-वादों पर खरी नहीं उतरी

अंग्रेजी पढ़ेंगे बच्चे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पलामू और गढ़वा जैसे इलाके में बमुश्किल 2 घंटे बिजली मिलती थी, अब ट्रांसमिशन लाइन ठीक करने की वजह से 20 घंटे बिजली मिल रही है, शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत लकीर खींचने की तैयारी है, 5000 आदर्श विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, 24 जिलों में मॉडल स्कूल संचालित होंगे जो सीबीएसई पर आधारित होंगे, हमारे बच्चे अंग्रेजी पढेंगे.

विदेश में पढेंगे झारखंड के गुदड़ी के लाल

सीएम ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य होगा जहां के गरीब आदिवासी बच्चे विदेश में पढ़ाई करेंगे और उन्हें सरकार स्कॉलरशिप देगी, यह योजना मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की याद में शुरू की जा रही है, जेपीएससी की अब तक उपेक्षा हुई, लेकिन उनकी सरकार ने फैसला लिया है कि जनवरी के पहले सप्ताह में ही जेपीएससी अपना कैलेंडर जारी करेगा और उसी आधार पर तमाम परीक्षाएं होंगी. मुख्यमंत्री ने अनुबंध कर्मियों के मसले को भी उठाया. कहा कि अनुबंध कर्मियों का मामला जलेबी सा बन गया है, इसके लिए कमेटी बनाई गई है और समाधान जरूर निकाला जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगले साल मार्च तक ट्राईबल यूनिवर्सिटी स्थापित कर ली जाएगी. उन्होंने पशुधन योजना और घर-घर पेयजल पहुंचाने की कार्य योजना का भी जिक्र किया.

लाभुक को सम्मानित करते सीएम

मनरेगा की मजदूरी बढ़ेगी - सीएम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आपदा के इस दौर में गरीबों के लिए मनरेगा मील का पत्थर साबित हुआ है. उन्होंने माना कि इस योजना में गड़बड़ी होती है और मजदूरी भी कम मिलती है, अब इसमें पारदर्शिता लाई जा रही है, मनरेगा के तहत काम करने पर 194 रुपये मिलते हैं, लेकिन राजकोष से और 31 रुपये दिए जाएंगे, यानी बहुत जल्द झारखंड के मनरेगा मजदूरों को 225 रुपये मिलेंगे और 2021 के दिसंबर तक यह राशि 300 रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना है, इसके लिए उनकी सरकार ने 250 करोड़ की लागत से 5 लाख बाड़ी का निर्माण करवा रही है.

15 दिन में काम नहीं तो हो जाएगी छुट्टी - सीएम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई तरह के प्रमाण पत्र बनते हैं, जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु, प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र वगैरह वगैरह, लेकिन जानकर हैरानी होती है कि बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र बनाने का काम पेंडिंग है, अब उनकी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि 15 दिन के भीतर प्रमाण पत्र नहीं बनेगा तो संबंधित कर्मी बर्खास्त कर दिए जाएंगे.

55 मिनट तक बोले सीएम हेमंत

मुख्यमंत्री करीब 55 मिनट तक बोले. इससे पहले कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपनी बात रखी. रामेश्वर उरांव ने कहा कि उनकी सरकार राज्य खाद्य सुरक्षा योजना लेकर आई है और इसके तहत 15 लाख लोगों को राशन से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने ग्रामीणों के बीच वन पट्टा के वितरण की जमकर तारीफ की. इससे पहले आईपीआरडी के कॉफी टेबल बुक का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया. इमर्जिंग झारखंड के लोगों का भी मुख्यमंत्री ने अनावरण किया. अलग-अलग विभागों में बहाल 511 लाभुकों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया. सीएसआर नीति और झारखंड खेल नीति 2020 का भी विमोचन किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details