रांचीःझारखंड में सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से हेमंत सरकार ने एक बड़ी पहल की है. जिसके तहत निजी स्कूलों के तर्ज पर 80 उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत की गई है. रांची में उत्कृष्ट विद्यालय का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम जानते हैं कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस महीने चरणबद्ध तरीके से 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला लिया है जो आने वाले समय में दिखाई देने लगेगी.
इसे भी पढ़ें- जानिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में क्या है खास, जिसका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे शुभारंभ
मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची के जगन्नाथपुर में आदर्श विद्यालय की शुरुआत की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील जगन्नाथपुर के ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव स्कूल के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन बैलून उड़ाकर और फीता काटकर किया. नवनिर्मित भवन का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए.
उत्कृष्ट विद्यालय का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अपने आप में अनोखा विद्यालय होगा, जहां बच्चे निजी स्कूल के तर्ज पर पढ़ाई करेंगे. सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने यह पहल की है. जिसके तहत दूसरे चरण में 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालय बनेंगे. वहीं तीसरे फेज में 4 हजार 036 पंचायत स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय तैयार किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक कि सरकार दो कमरे का स्कूल खोलकर बच्चों को जैसे-तैसे पढ़ाती थी. लेकिन हमारी सरकार ने भव्य भवन बनाया है और अब आवश्यकता इस बात की है कि यहां पढ़ाने वाले शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को दें. इसलिए उनकी भी जिम्मेदारी है कि बच्चे कैसे बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे. इसके लिए विद्यालय प्रबंध समिति और शिक्षकों को भी सोचना होगा.
इस महीने होगी चरणबद्ध तरीके से 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति- सीएमः इस मौके पर सीएम ने शिक्षा को लेकर एक और बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम जानते हैं कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस महीने चरणबद्ध तरीके से 25000 शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला लिया है, जो आने वाले समय में दिखाई देने लगेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की तुलना में निजी स्कूलों के शिक्षकों का मानदेय कम होने के बावजूद भी निजी स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल और प्रबंधन रहता है इस पर भी हमें सोचना होगा. जो भी उत्कृष्ट विद्यालय आज से शुरू किए गए हैं, वहां के प्रबंध समिति का भी जिम्मेदारी होगी कि बच्चे कैसे पढ़ें और विद्यालय में शैक्षणिक माहौल बनी रहे.
इस मौके पर प्रदेश के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने स्कूल के शिक्षकों और छात्रों को 4 बिंदुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई. मुख्य सचिव ने कहा कि निजी विद्यालय की तर्ज पर सरकारी स्कूल में कैसे शैक्षणिक गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए स्कूल प्राचार्य को अधिक शक्तिशाली बनानी होगी, प्रबंधन को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा कि लगातार उन जिलों के उपायुक्त एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी को उत्कृष्ट विद्यालय का दौरा करना होगा. बच्चे क्या पढ़ रहे हैं और किस तरह से विद्यालय में पढ़ाई हो रही है, इस पर भी ध्यान रखनी होगी. शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को जमीन पर उतरने पर खुशी जतायी है. उन्होंने कहा कि इन उत्कृष्ट विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए आईआईएम के द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, उम्मीद करता हूं कि यहां पढ़ने वाले बच्चे बेहतरीन शिक्षा ग्रहण कर प्रतियोगिता के इस दौर में आगे बढ़ने का काम करेंगे.