रांची:सीबीएसई बोर्ड के 12वीं की परीक्षा, प्रोफेशनल कोर्सेस और अन्य एंट्रेंस परीक्षाओं के आयोजन को लेकर रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक की गई. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए और अपने सुझाव दिए. सीबीएसई बोर्ड की 12वीं परीक्षा के साथ ही इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर ये बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई परीक्षा को लेकर बैठक इसे भी पढ़ें-CM हेमंत सोरेन ने 12वीं की बोर्ड की परीक्षा को लेकर किया ट्वीट, मांगे सुझाव
बैठक में बनी ये रणनीति
बैठक में देश के तमाम राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और दिल्ली, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ झारखंड के मुख्यमंत्री और गोवा के सीएम भी मौजूद रहे. इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी अपने विचार रखे. गौरतलब है कि बैठक के दौरान केंद्रीय शिक्षा सचिव ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सुझाव को राज्य सरकारों के साथ साझा किया. उन्होंने कहा कि सीबीएसई में 115 सब्जेक्ट हैं, जिसमें 19 मेजर सब्जेक्ट हैं. इन 19 सब्जेक्ट की परीक्षा आयोजित कर विद्यार्थियों को राहत पहुंचाई जा सकती है. वहीं उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि 3 घंटे के समय के बजाय डेढ़ घंटे का समय निर्धारित किया जा सकता है. वहीं परीक्षा के लिए होम सेंटर्स की भी व्यवस्था की जा सकती है. वहीं, दूसरा ऑप्शन उन्होंने बताया कि परीक्षा दो फेज में आयोजित करने की भी तैयारी केंद्रीय मंत्रालय की ओर से की गई है. 15- 15 दिनों के अंतराल में ये परीक्षाएं ओएमआर सीट के तहत होंगी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में सीएम ने दिए सुझाव शिक्षा सचिव ने दी अहम जानकारी
जो बच्चे कोरोना से संक्रमित हैं, उनके लिए अलग से परीक्षा की व्यवस्था होगी. शिक्षा सचिव ने जानकारी देते हुए कहा कि सीबीएसई की ओर से इसे लेकर टेंटेटिव तारीख भी तय की गई है. 15 जुलाई से 30 जुलाई तक और अगस्त के अंत तक एग्जाम कंडक्ट किया जा सकता है. सितंबर महीने तक रिजल्ट घोषित किए जाने की भी तैयारी कर ली गई है. जब तक राज्य सरकारों की ओर से सहमति नहीं बनेगी, तब तक ये परीक्षाएं कंडक्ट नहीं की जा सकती हैं.
देश के तमाम राज्यों के मंत्री और उपमुख्यमंत्री भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जुड़े मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया अपना सुझाव
मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि केंद्र की ओर से बताया गया सुझाव बेहतर है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बेहतर तरीके से इसे तैयार भी किया है, लेकिन राज्यों की जो स्थिति है उसे भी देखना जरूरी है. अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग हालात कोरोना का कारण बने हुए हैं. सीबीएसई की परीक्षा के साथ-साथ राज्य बोर्ड की परीक्षाएं भी आयोजित करने की तैयारी राज्य सरकारों को करनी होगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आम लोगों, अभिभावकों और बच्चों की सहमति भी परीक्षा को लेकर जरूरी है. संक्रमण के कारण देश भर में जो हालात हैं, परिवारों की मानसिक स्थिति सही नहीं है. कई बच्चे तो अपने अभिभावकों को इस महामारी के चलते खो चुके हैं. इससे बच्चों के बारे में भी सोचना होगा. कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस और वाइट फंगस जैसी चुनौती भी अब सर पर है. ऐसी तमाम चुनौतियों से निपटने के बाद ही परीक्षा का आयोजन करना बेहतर होगा. कोरोना संक्रमण की रफ्तार थोड़ी कम हो और लोगों को विश्वास हो जाए कि बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं होगा, उसके बाद ही परीक्षाएं आयोजित हों तो बेहतर होगा.
लिखित रूप से सुझाव भेजेंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जोर देते हुए कहा कि टेंटेटिव परीक्षा की तारीख घोषित करने से पहले और एक बार कई राज्यों के साथ विचार विमर्श करना जरूरी है. लिखित रूप से भी सुझाव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उसके बाद ही डेट तय किया जाए. मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हेमंत सोरेन से कहा कि वो 2 दिनों के अंदर लिखित सुझाव केंद्र को भेज देंगे तो बेहतर होगा. इससे जल्द से जल्द इन परीक्षाओं को लेकर निर्णय लिया जाएगा.