रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त करने के लिए हर साल मॉडल पंचायत बनाने वाले पांच पंचायत सचिवों को परिवार के साथ विदेश भ्रमण करने की घोषणा की है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से चयनित पंचायत सचिव और निम्न वर्गीय लिपिक को नियुक्ति पत्र देते हुए रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है.
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झारखंड में रोजगार और लंबे समय से नियुक्ति का इंतजार कर रहे 2 हजार 550 युवाओं के लिए गुरुवार का दिन खास रहा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पंचायत सचिवों और विभिन्न विभागों के लिए निम्न वर्गीय लिपिक पद के लिए चयनित सांकेतिक रुप से 150 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया. चिलचिलाती गर्मी के बीच आयोजित इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में पंचायती राज विभाग के अंतर्गत पंचायत सचिव पद पर 1633, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत निम्नवर्गीय लिपिक पद पर 707, वित्त विभाग अंतर्गत निम्न वर्गीय लिपिक पद पर 166, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निम्न वर्गीय लिपिक पद पर 44 चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा गया.
इस अवसर पर विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने पंचायत सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होने की बात कहते हुए कहा कि इनकी दक्षता के लिए इन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि एक मंच से 2550 नियुक्ति पत्र प्रदान करना गौरव की बात है. इसलिए मैं राज्य सरकार के साथ साथ लंबी लड़ाई लड़कर नियुक्ति पत्र पाने वाले अभ्यर्थियों को बधाई देता हूं.
5 पंचायत सचिव परिवार के साथ करेंगे विदेश भ्रमण- सीएमः नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हर साल पांच मॉडल पंचायत बनाने वाले पंचायत सचिव को परिवार के साथ विदेश ले जाया जायेगा, जहां वे वहां का मॉडल पंचायत देखकर झारखंड में ग्रामीण क्षेत्र को सशक्त करेंगे. आज देश में सरकारी नौकरी की क्या स्थिति है वह आप जानते हैं. इशारों ही इशारों में केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सेना में तीन साल नौकरी कर लोग सड़क पर आ जायेंगे. सेना के बाद लोग बैंक में नौकरी करते थे मगर जब बैंक ही नहीं बचेगा तो लोगों को पीओ जैसे पद के लिए नौकरी कैसे मिलेगा.
सीएम ने कहा कि निजीकरण की वजह से जो रोग लगा है वह स्थिति भयावह है. ऐसी स्थिति में हमने सरकारी नौकरी देने का काम किया है, जिसमें ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन भी मिलेगा. विरोधियों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कभी भी नियुक्ति शुरू की जाती है तो जानबूझकर अड़ंगा लगाया जाता है. अभी तो शुरुआत है आगे कई बहाली जेपीएससी, जेएसएससी के माध्यम से आने वाला समय में होगी. नवनियुक्त पंचायत सचिव को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप पंचायत सचिव नहीं हैं बल्कि उस क्षेत्र के डीसी, एसपी और सीओ हैं जो गांवों का विकास करेंगे. मुख्यमंत्री ने महंगाई की वजह से आम लोगों को हो रही परेशानी के लिए केन्द्र सरकार को जमकर कोसा.
इस मौके पर पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने नवनियुक्त पंचायत सचिवों को बेटा और बेटी बनकर अपने सेवा क्षेत्र में काम करने का आह्वान किया. वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं विभागीय सचिवों से अपील करता हूं कि नवनियुक्त पंचायत सचिवों को गृह जिलों में पोस्टिंग हो इससे कार्य पद्धति बेहतर होगा. उन्होंने नियुक्ति पत्र पाने वाले अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकारी सेवा के साथ साथ अपने माता-पिता की भी सेवा करते रहें. आमतौर पर यह शिकायतें आती है कि सरकारी नौकरी मिलने के बाद लोग घर से निकल जाते हैं और अपने मां-बाप को भूल जाते हैं.
जहां अभ्यर्थियों ने किया आंदोलन उसी स्थल पर मिला नियुक्ति पत्रः पंचायत सचिव और निम्नवर्गीय लिपिक पद के लिए चयन प्रक्रिया रघुवर सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था. नियुक्ति के लिए परीक्षा भी आयोजित हुआ मगर रघुवर सरकार के नियोजन नीति हाईकोर्ट से खारिज होने की वजह से यह बीच में ही नियुक्ति प्रक्रिया फंस गई. हालांकि हाई कोर्ट ने इस नियुक्ति परीक्षा को नियोजन नीति संबंधित आर्डर से अलग रखने की बात कहते हुए पंचायत सचिव अभ्यर्थी को राहत दी थी. इसके बावजूद राज्य सरकार ने नहीं माना और इस विज्ञापन को बीच में रद्द कर दिया. इसके खिलाफ अभ्यर्थी आंदोलन पर उतारू हुए. मोरहाबादी में कई दिनों तक अनशन और धरना प्रदर्शन चला. इन सबके बीच अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाकर न्याय पाने में सफल हो गए.
राज्य सरकार अपनी गलतियों को सुधारते हुए कैबिनेट द्वारा विज्ञापन रद्द किए जाने संबंधी फैसले को वापस लिया और राज्य में पंचायत सचिव की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया. मोरहाबादी मैदान में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक राजेश कच्छप, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह भी मौजूद रहे.