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केंद्र पर जमकर बरसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बोले- निजीकरण को बढ़ावा दे रही है मोदी सरकार - मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

एयरपोर्ट, हाइवे, रेलवे सहित कई क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंपने की खबर के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. सीएम ने कहा कि केंद्र की कथनी और करनी में काफी अंतर है. जो बातें सामने आ रही हैं उससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

National Monetisation Pipeline
नेशनल मोनिटाइजेशन पाइपलाइन

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Published : Aug 24, 2021, 10:57 PM IST

रांची:केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, स्टेडियम, हाइवे आदि को लीज पर दिये जाने की तैयारी की खबर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर के ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है जिसके जरिए राजस्व या आय के नए साधनों का रास्ता खोजा जाए. एसेट मोनेटाइजेशन के जरिए यह संभावना जताई जा रही है कि इन क्षेत्रों में निजी कंपनियों के लिए रास्ते खोले जाएंगे. हालांकि, अभी इस पर कुछ भी निर्णय होने से पहले राजनीति जरूर तेज हो गई है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हुए मुखर, केंद्र पर साधा निशाना

एयरपोर्ट, हाइवे, रेलवे सहित कई क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंपने की खबर के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. झारखंड मंत्रालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की कथनी और करनी में काफी अंतर है. देखते जाइए क्या हो रहा है. जो बातें सामने आ रही हैं उससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा. केंद्र सरकार द्वारा कई क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंपे जाने के पीछे न जाने क्या हिडेन एजेंडा है. उन्होंने कहा कि जब चीजें और साफ हो जाएगी तो वे और मुखर होकर बोलेंगे.

पत्रकारों से बात करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि को निजी हाथों में देने की चर्चा

केंद्र सरकार द्वारा देशभर के रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, हाइवे, स्टेडियम आदि का सर्वे कराया गया है. जिसके तहत चर्चा यह है कि 400 रेलवे स्टेशन और 90 ट्रेन निजी हाथों में दिए जाएंगे. इन रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में अधिकांशतः ऐसे हैं जहां से रेलवे को कम राजस्व प्राप्त हो रहा है. इसके अलावा देशभर के 26,700 किलोमीटर सड़क प्राइवेट कंपनियों को दिये जाने की तैयारी है. एसेट मोनेटाइजेशन में रेलवे, एयरपोर्ट, सड़क के अलावा जहाजरानी, बिजली, पेट्रोलियम, नैचुरल गैस, टेलीकॉम आदि की संभावना व्यक्त की जा रही है.

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