रांची: मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा प्रदेशीय छात्रवृत्ति योजना में 2030-24 के चयनित छात्रों को सीएम हेमंत सोरेन ने प्रमाण पत्र सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि बच्चे पढ़ें और झारखंड का नाम रोशन करें. झारखंड में प्रतिभा और खनिज संपदा भरी हुई है. जमीन के अंदर और जमीन के ऊपर हरी भरी संपदा है और यही झारखंड की खासियत है.
ये भी पढ़ें:झारखंड आदिवासी महोत्सव का समापनः मांदर पर ताल देती नजर आईं सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के जो आदिवासी और मूलवासी लोग हैं ऐसा नहीं है कि उनके अंदर कोई क्षमता नहीं है. ऐसा नहीं है कि यह काम नहीं कर सकते हैं, या फिर इन्हें काम आता नहीं है. लेकिन इन्हें आज तक अवसर ही नहीं दिया गया कि यह कुछ कर सकें. हमारी सरकार बनने के बाद से लगातार यह प्रयास रहा है कि ऐसी कौन स्थिति तय की जाए ताकि इन लोगों को काम मिलता रहे और इनके जीवन और दिनचर्या का सुधार होता रहे.
झारखंड में गरीबी का आलम क्या है यह बार-बार मंच से बोलने पर अब शर्म आती है. हम लोग लगातार काम कर रहे हैं सामाजिक सुरक्षा को लेकर के भी हम काम कर रहे हैं और इसको आगे अनवरत जारी रखा जाएगा. सीएम ने कहा कि शिक्षा को मजबूत करने के लिए हमारी सरकार ने काम किया है. राज्य में जब हमने काम करना शुरू किया तो शिक्षा व्यवस्था का हाल देखकर के काफी चिंता हुई. शिक्षा व्यवस्था का हाल ताश के पत्तों की तरह है. अगर एक पत्ते को छुआ जाए तो पूरी व्यवस्था ही भरभरा कर गिर जाएगी. ऐसी स्थिति में इस बात का डर लग रहा था कि व्यवस्था सुधार के लिए काम शुरू से कहां करें, क्योंकि जो व्यवस्था सालों साल से चल रही है उसे यू टर्न कैसे करवाया जाए.
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने शिक्षक बहाली का काम किया है और अभी शिक्षक बहाली का काम चल भी रहा है. शिक्षा विकास को लेकर के कई योजनाएं जो हम लोगों ने बनाई हैं, उसे हम चला रहे हैं. कई तरह के स्कॉलरशिप जिसके माध्यम से जो बच्चे पांचवी और छठी के पढ़ाई के बाद पढ़ाई छोड़कर के घर की जिम्मेदारी का हिस्सा बन जाते हैं. अब सरकार ने उन गरीब परिवारों को ध्यान में रखकर उन बच्चों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए उनकी हर जिम्मेदारी राज्य सरकार ले रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल से लेकर कॉलेज तक हर व्यवस्था सरकार देगी. आप वकील बनना चाहते हैं डॉक्टर बनना चाहते हैं या पत्रकार बनना चाहते हैं तो यह सारी व्यवस्था हमारी सरकार देगी ताकि आप पढ़ लिख कर हुनरमंद बन सकें. प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए आजकल कोचिंग की भूमिका काफी अहम है और झारखंड के लोग बेहतर कर पाए तो ऐसी स्थिति में कोचिंग पर जो खर्च आएगा उसका भी बहन राज्य सरकार करेगी ऐसी भी हमने योजना बना रखी है.
सीएम ने कहा कि राज्य में लड़कियों को लेकर के भी रूढ़िवादी सोच है. हालांकि शहरों में थोड़ा सा बदलाव जरूर दिख रहा है लेकिन गांव में आज भी लड़कियां कक्षा 5, 6 या 7 तक ही पढ़ पाती हैं. उसके बाद परिवार के लोग लड़का खोजने निकल पड़ते हैं और उसकी पढ़ाई बाकी रह जाती है, लेकिन सरकार ने यह योजना बनाई है अगर लड़कियां पढ़ेंगी तो सिर्फ लड़की नहीं पड़ेगी बल्कि पूरा परिवार पड़ेगा. ऐसा हम लोग सोचते हैं और इसी सोच के तहत हम लोग काम भी कर रहे हैं. इस सकारात्मक सोच का परिणाम कुछ समय बाद दिखने लगेगा. यह समाज को बदलने में एक मजबूत कड़ी के तौर पर होगा, जो शिक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ाएगी जिससे समाज में बड़े बदलाव को देखा जा सकता है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी राज्य सरकार ने ही गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की है. जिसके तहत छात्रों को 15 लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन दिया जा रहा है, ताकि बच्चे पढ़ कर आगे बढ़ सकें. बैंक के नौ दस परसेंट इस पर ब्याज लेती है, लेकिन सरकार इस पर 4 से 5 फ़ीसदी का ब्याज पर देगी और वह भी पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद 1 तक जब कोई नौकरी कर लेगा. उसके बाद से इस पैसे को वापस करने का काम करना है.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए हम लोग सीएम स्कॉलरशिप योजना लाने जा रहे हैं. जिसमें देश के 100 विश्वविद्यालय को शामिल किया जाएगा. इसमें पढ़ने वाले बच्चों को हर तरह की सुविधा राज्य सरकार द्वारा दी जाएंगी, यहां तक की आने और जाने का भी पैसा राज्य सरकार वहन करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस योजना के तहत 25 बच्चे विदेश जा रहे हैं इसकी शुरुआत सिर्फ 6 बच्चों से हुई थी. जो लगातार बढ़ रहा है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जो लोग पढ़कर आएंगे उनके पास जो योजना होगी जिस तरह से वह राज्य में काम करना चाहेंगे, उसकी योजना भी राज्य सरकार लेगी और उन छात्रों को हर तरह की मदद भी मुहैया करवाएगी.