रांची: झारखंड बजट सत्र 2023 के अंतिम दिन सदन में अपनी बात रखते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी यह बताए की वो नौकरी किसे देना चाहती है. उन्हें जो झारखंड के मूलनिवासी आदिवासी हैं, या फिर उन्हें जो बाहरी है. बीजेपी को इस मामले पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए.
ये भी पढ़ें-1932 हमरा है और रहेगा, यह हमारे पूर्वजों का संकल्प है, जानिए सदन में सीएम हेमंत सोरेन ने और क्या कहा
सीएम ने कहा कि झारखंड में स्थानीय नीति को लेकर के हमने जो नियम बनाया था उस नियम में नीचे की नौकरियों में सिर्फ झारखंड के लोगों को नौकरी देने का प्रावधान था. बीजेपी के लोगों ने उसका क्या हश्र कर दिया वह किसी से छिपा हुआ नहीं है. बीजेपी के लोग यह चाहते ही नहीं है कि झारखंड के लोगों को नौकरी मिले.
नौकरी नहीं परेशानी देती है भाजपा: हेमंत सोरेन ने कहा कि ये कट्टर विचारधारा के लोग हैं. 1932 और बाकी मुद्दों को लेकर किसी तरह की परेशानियां खड़ी होगी वह हमें पता था. बीजेपी के लोग इसमें दिक्कत करेंगे और वह आ ही गया. विचित्र बात है कि झारखंड के मूलवासी और आदिवासी लोगों का मदद कैसे हो इसे भाजपा के लोग समझते ही नहीं हैं. झारखंड बीजेपी के लोग रोबोट पर चलते हैं, जो ऊपर से आदेश आता है वही करते हैं.
हितैषी हैं तो पक्ष रखें: सीएम हेमंत ने कहा कि बीजेपी के लोग वास्तव में झारखंड के हितैषी हैं, तो आपको अपना एक पक्ष साफ करना पड़ेगा. जहां तक मुझे पता है रघुवर सरकार में चंद्र प्रकाश चौधरी मंत्री थे. 1985 को कटऑफ बनाया गया था . उस समय इन लोगों ने विरोध क्यों नहीं किया. कभी इधर तो कभी उधर क्यों. चंद्र प्रकाश चौधरी जी उसकी अध्यक्षता किए थे. और आज वही सवाल कर रहे हैं कि1932 का नियोजन नीति क्यों नहीं लाते हैं.
नियोजन नीति से दिक्कत- न लाओ ते विरोध: सीएम हेमंत ने कहा कि यह बड़ी अजीब स्थिति है कि नियोजन नीति लाओ तो दिक्कत, नियोजन नीति ना लाओ तो दिक्कत, नियोजन नीति लाओ तो उधर विरोध में जाकर खड़े हो जाएंगे, नियोजन नीति ना लाओ तो सवाल खड़ा करेंगे. यह उनकी आदत बन गई है.
सहूलियत की राजनीति ठीक नहीं: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सहूलियत की राजनीति नहीं होनी चाहिए. जरूरत की राजनीति से राज्य का भला नहीं होगा. 27 फीसदी के आरक्षण को लाने का काम हमने किया लेकिन उसे भी बीजेपी के लोगों ने लटका दिया. इन लोगों की मंशा ही थी कि उसे लागू ही नहीं होने देना है ताकि झारखंड के लोगों को नौकरी ना मिले.
ये भी पढ़ें-सियार शेर का खाल पहन लेने से शेर नहीं हो जाएगा, सीएम हेमंत सोरेन का बीजेपी पर कटाक्ष
बाहरी को दी नौकरी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इससे पहले झारखंड में आधे से ज्यादा बाहरी लोगों को लाकर भर दिया गया था. हमारे पास उसका आंकड़ा भी है. भाजपा की सरकार में जो शिक्षा मंत्री थे उनके समय में अध्यापक की बहाली हुई. कुल 176 अध्यापकों की बहाली उनके जिले में हई, जिसमें से 45 अध्यापक उत्तर प्रदेश के रहने वाले बहाल किए गए. अभी हम लोगों ने जेपीएससी की बहाली की है और उसमें जितने लोगों की बहाली की गई है. उसमें कितने लोग हैं जो बाहरी हैं . हम लोगोंं ने झारखंड के लोगों को बहाल किया है.
भाजपा के हितैषी अधिकारी: हेमंत सोरेन ने कहा कि जिन पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है जिन पर ED कार्रवाई कर रही है वे सभी बीजेपी सरकार की ही देन है. बीजेपी की सरकार में कहां पर पुल गिरा, कौन लेता था इस तरह के निर्णय, कौन शह देता था गलत निर्माण करने का. यह सब बीजेपी के टाइम पर ही किया गया है. हमारे समय में बता दीजिए कि कौन से ऐसे काम किए गए जिसमें कोई पुल गिर गया. अभी तो राज्य ने चलना शुरू किया है इससे पहले तो राज्य का पूरा विकास ही रुक गया था.
मदर ऑफ डेमोक्रेसी हो गई पावर आफ फॅादर: राहुल गांधी को लेकर आए कोर्ट के फैसले पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता था. लोग इसकी चर्चा भी करते थे लेकिन अब इन लोगों ने जिस तरीके के हालात को पैदा किया है, उससे पूरी व्यवस्था का मपदंड ही बदल गया है. जो हालात बीजेपी ने पैदा किए हैं उसके बाद अब भारत में एक नया रूप हो गया है, जिसे डेमोक्रेसी में पावर आफ फॅादर बना दिया गया है.