रांची: केन्द्र की मोदी सरकार को घेरने और 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के उदेश्य से सोनिया गांधी की अगुवाई में शुक्रवार को विपक्षी पार्टी के नेताओं की बैठक हुई. बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सह राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए. वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस बैठक में शामिल हुईं.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक में रखी ये बातें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक में विचार रखते हुए कहा कि हमें मिलकर और मजबूती के साथ अलोकतांत्रिक नीतियों के खिलाफ संघर्ष करना है. जनता के हित में आक्रामक तरीके से मुद्दों को उठाना है कि कैसे आम लोगों के आय में वृद्धि हो, महंगाई से राहत मिले, बेरोजगारी दूर हो. इसके अलावा किसानों के मसले पर एकजुटता के साथ विरोध दर्ज कराना चाहिए. दूसरी तरफ कोविड-19 मैनेजमेंट पर विशेष रूप से काम करने की आवश्यकता है.
कोरोना वैश्विक महामारी को भारत सरकार नेशनल डिजास्टर घोषित करे. इतनी बड़ी आपदा को केंद्र सरकार अबतक राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं कर रही है यह बात समझ से परे है. हम सभी को कोरोना वैश्विक महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करनी चाहिए. इस महामारी में जितने लोगों की जानें गई हैं उन्हें मुआवजा केंद्र सरकार दे. जो लोग जीवन बचाने के लिए जमीन-जायदाद, गहने इत्यादि बेचकर इलाज कराएं हैं उनके पास जीवन यापन के लिए 1 रुपए भी नहीं बचा है. उनका आने वाला भविष्य कैसे सुरक्षित हो यह चिंतनीय विषय है.
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विपक्षी एकता को और ज्यादा ताकतवर बनाने की जरूरत. देश के अंदर और देश के बाहर कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे केंद्र सरकार को मजबूती के साथ घेरा जा सकता है. विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है.बीजेपी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसे फैसले लिए हैं जो देश हित में नहीं है. उन्होंने बैठक की बिंदु बहुत अच्छी हैं. इन बिंदुओं में गैर भाजपा शासित राज्यों के अपने-अपने कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिस पर चर्चा किया जाना चाहिए. देश की सभी संस्थाओं को केंद्र सरकार अपने जेब में करके रखा है.