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रघुवर दास से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में फैसला सुरक्षित, पीसी एक्ट जोड़ने पर 7 जून को निर्णय सुनाएंगे जज - झारखंड हॉर्स ट्रेडिंग केस का पूरा अपडेट

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास(raghubar das), एडीजी अनुराग गुप्ता और अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में रांची के सिविल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 7 जून को जज फैसला सुनाएंगे. जांच अधिकारी ने अदालत में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (Prevention of Corruption) एक्ट जोड़ने की अर्जी दी है.

Horse trading case against Raghubar Das
रघुवर दास के खिलाफ हॉर्स ट्रेडिंग केस

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Published : Jun 5, 2021, 3:42 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 5:00 PM IST

रांची:झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास(raghubar das), एडीजी अनुराग गुप्ता और रघुवर दास के पूर्व प्रेस सलाहकार अजय कुमार से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में सिविल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने अदालत में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट जोड़ने की अर्जी दी है. अदालत 7 जून को अपना फैसला सुनाएगी. मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रद्धा जया टोपनो ने अपना पक्ष रखा है.

श्रद्धा जया टोपनो, अपर लोक अभियोजक

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2 जून को दायर अर्जी पर प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने संज्ञान लिया है. साथ ही अभियोजन को निर्देश दिया था कि इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए अदालत में बहस करनी होगी. अदालत के निर्देश पर एपीपी बहस करने को तैयार हुए. एपीपी ने केस स्टडी के लिए समय की मांग की थी. अदालत ने इसके लिए पांच जून की तारीख निर्धारित की थी लेकिन अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. अभियोजन को अदालत में पीसी एक्ट जोड़ने का स्पष्ट कारण बताना होगा. सुनवाई के पश्चात ही अदालत आदेश पारित करेगी.

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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को राज्यसभा चुनाव 2016 से जुड़े हॉर्स ट्रेड्रिंग मुकदमे में ट्रायल फेस करना पड़ सकता है. जांच अधिकारी ने मामले में पीसी एक्ट की धाराओं को जोड़ने की अर्जी अदालत में दी है. उस अर्जी में प्राथमिकी आरोपी पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार का नाम है.

साथ में अप्राथमिकी आरोपी के रूप में रघुवर दास को नामजद किया है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि मामले में पीसी एक्ट के साथ रघुवर दास का नाम भी केस में जुड़ जाएगा. जैसे ही मामले में पीसी एक्ट जुड़ेगा, आरोपियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. पीसी एक्ट लगते ही आरोपियों को निचली अदालत से राहत मिलने की उम्मीद खत्म हो जाती है.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था. साथ ही उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी भी दी गई थी. इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अब 2021 में पीसी एक्ट लगते ही यह मामला एसीबी कोर्ट में स्थानांतरित हो जाएगा.

एडीजी अनुराग गुप्ता से जुड़े हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का मुद्दा गरम है लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पूर्व सीबीआई के साथ राज्य पुलिस पीसी एक्ट जुड़वा चुकी है. सीबीआई ने राज्यसभा चुनाव 2012 में वोट के बदले नोट मामले में आरोपी आरके अग्रवाल के खिलाफ पीसी एक्ट एक साल बाद जुड़वाया था. वहीं, पूर्व मेयर रमा खलखो से जुड़े वोट के बदले नोट के मामले में पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई थी. साथ ही 2010 में हुए राज्यसभा चुनाव में वोट के बदले नोट के मामले में भी पीसी एक्ट की धारा बाद में जोड़ी गई.

Last Updated : Jun 5, 2021, 5:00 PM IST

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