रांचीः हजारीबाग के चर्चित ढेंगा गोलीकांड की जांच सीआईडी ने शुरू (CID started investigation of Dhenga shootout) कर दी गई है. बुधवार को सीआईडी ने मामले में शिकायतकर्ता मंटू सोनी का बयान दर्ज किया है. बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने पांच महीना पहले जांच का आदेश दिया था. लेकिन सीआईडी ने बुधवार से जांच शुरू की है.
चर्चित ढेंगा गोलीकांड की सीआईडी जांच शुरू, झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर पांच महीने बाद शुरू हुई कार्रवाई - Ranchi news
सीआईडी ने बुधवार को ढेंगा गोलीकांड की जांच शुरू (CID started investigation of Dhenga shootout) की. झारखंड हाई कोर्ट ने पांच महीना पहले जांच का आदेश दिया था. लेकिन सीआईडी ने बुधवार से जांच शुरू की है.
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ढेंगा गोलीकांड में घायलों की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई थी. बुधवार को सीआईडी मुख्यालय ने इस मामले में शिकायतकर्ता मंटू सोनी का बयान दर्ज किया. सीआईडी ने ढेंगा गोलीकांड से संबंधित बड़कागांव कांड संख्या 167/15 और 214/16 जांच शुरू की है. इससे पहले हजारीबाग एसडीजीएम कोर्ट में सीआईडी द्वारा बड़कागांव थाना कांड संख्या 214/16 को टेक ओवर कर लिए जाने की जानकारी दी गई थी. इसके बाद कांड संख्या 167/15 में रांची सिविल कोर्ट के एडीजे विशाल श्रीवास्तव के कोर्ट को सूचित किया गया. सीआईडी के अनुसंधानकर्ता ब्रह्मदेव प्रसाद ने बुधवार को सीआईडी हेडक्वार्टर में बड़कागांव थाना कांड संख्या 214/16 के सूचक मंटू सोनी का बयान दर्ज किया है.
हजारीबाग के ढेंगा में 14 अगस्त 2015 को झड़प को लेकर बड़कागांव थाना में दो अलग-अलग मामला दर्ज हुआ था. तत्कालीन एसडीओ अनुज प्रसाद के आवेदन पर कांड संख्या 167/15 दर्ज किया गया था. इसमें 64 लोगों को नामजद अभियुक्त सहित सैकड़ों अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था. इस घटना में घायल मंटू सोनी, संजय राम, श्रीचंद राम, सन्नी देवल राम, संतोष राम और जुबैदा खातून को पुलिस ने अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया था. वहीं, जेल में बंद मंटू सोनी ने कोर्ट परिवादवाद दायर किया था. हजारीबाग एसडीजीएम ने बड़कागांव थाना को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. कोर्ट आदेश के 14 महीने बाद मंटू सोनी के परिवादवाद पर बड़कागांव थाना में कांड संख्या 214/16 दर्ज किया गया. पुलिस ने 167/15 में चार्जशीट दायर कर दिया और 214/16 में क्लोजर रिपोर्ट देकर केस को बंद करने का अनुशंसा कर दिया. पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट पर मंटू सोनी ने एसडीजीएम कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर किया.
बुधवार को सीआईडी मुख्यालय में दिए अपने बयान में कहा कि वह आंदोलन या राजनीति दल से संबद्ध नहीं हैं. सड़क जाम होने के कारण वहां फंसे थे. अचानक पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प होने लगी. वाहनों में आग लगता देख अपनी बाइक को बचाने के लिए पुलिस वालों से आग्रह किया. एसडीओ अनुज प्रसाद, इंस्पेक्टर अवधेश सिंह, रामदयाल मुंडा ने सामने बुलाकर गोली चलवा दिया, जिसमें हमे दो गोली लगी. मंटू सोनी ने बताया कि घायलावस्था में उन्हें अभियुक्त बनाकर जेल भेज दिया गया था.