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सीआईडी करेगी अधिवक्ता राजीव कुमार के मामले की जांच, एसटी थाने में दर्ज है केस

कोलकाता पुलिस द्वारा 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार हुए झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार (Advocate Rajiv Kumar) के खिलाफ रांची के एसटी-एससी थाने (SC ST police station Ranch) में दर्ज मामले की जांच सीआईडी करेगी. इसमें दीपक कुमार नाम के शिकायतकर्ता ने उन पर धोखाधड़ी करके जमीन बेचने और उसके लिए जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है.

CID investigation against advocate Rajiv Kumar case registered in SC ST police station ranchi
सीआईडी करेगी अधिवक्ता राजीव कुमार पर दर्ज केस की जांच

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Published : Sep 14, 2022, 10:54 PM IST

रांचीः कोलकाता पुलिस द्वारा 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार हुए झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार (Advocate Rajiv Kumar) के खिलाफ रांची के एसटी-एससी थाने (SC ST police station Ranchi) में दर्ज मामले की जांच सीआईडी करेगी. इस मामले में शिकायतकर्ता ने राजीव कुमार समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करके जमीन बेचने और उसके लिए जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है.

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सीआईडी मुख्यालय को भेजा प्रस्तावःझारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार पर रांची के एसटी-एससी थाने में दर्ज केस की जांच सीआईडी करेगी. रांची पुलिस ने विवादित अधिवक्ता पर 19 अगस्त को दर्ज केस की सीआईडी जांच का प्रस्ताव सीआईडी मुख्यालय को भेजा है. सीआईडी जल्द ही इस मामले में अनुसंधान टेकओवर करेगी. इस मामले में इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी को जांच पदाधिकारी बनाया जाएगा.

कोलकाता पुलिस द्वारा शेल कंपनियों से जुड़े केस में पैसे मांगने के आरोप में अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद दीपक कच्छप नाम के व्यक्ति ने एसटी-एससी थाने में अधिवक्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में राजीव कुमार समेत पांच लोगों पर आदिवासी जमीन को षड्यंत्र कर धोखाधड़ी कर बेचने और विरोध करने पर जाति सूचकों का प्रयोग व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था.



ये है पूरा मामलाः दीपक द्वारा एसटी-एससी थाने में दर्ज कराए गए मामले में कहा गया था कि हेहल अंचल अंतर्गत मौजा भीठा थाना में संख्या 187 के खाता संख्या-6 प्लॉट संख्या 926 रकबा 1 एकड़ 41 डिसमिल भूमि और खाता संख्या 84 के प्लॉट संख्या 611, रकबा 89 डिसमिल कुल रकबा 2 एकड़ 20 डिसमिल भूमि (1959 में जिसकी डीड संख्या 5252) है. उसके परदादा द्वारा खतियान रैयत के उत्तराधिकारी मोहम्मद इब्राहिम अली से खरीदा गया. भूमि की खरीद के तुरंत बाद से अपना मकान बनाकर उस जमीन पर किसी तरह कार्य करके पूरा परिवार जीवन यापन करता आ रहा है.

दीपक द्वारा दर्ज कराए गए मामले में बताया गया था कि खतियानी रैयत के उत्तराधिकारी द्वारा गैरकानूनी तरीके से दोबारा जमीन की बिक्री कर दी गई और इसका विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई. खतियानी रैयत के कुछ उत्तराधिकारी और भू-माफिया अली असगर, अनिल कुमार, राजीव कुमार, अली इरफान और मोहम्मद इस्लाम द्वारा पूर्व में बिकी हुई जमीन को साजिश के तहत जालसाजी करके गलत तरीके से जाली कागज बनाकर हमारी पूरी जमीन बेच दी. जमीन पर आकर इन लोगों द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा करने से रोकने पर हमारे लिए जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल किया और गाली-गलौज करके अपमानित करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई थी. गौरतलब है कि कोलकाता में दर्ज केस में राजीव कुमार को जमानत मिल गई है. लेकिन ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में अधिवक्ता को आरोपी बनाए जाने के कारण उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा.

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