रांची: खूंटी के चर्चित रोशन होरो हत्याकांड में खूंटी कोर्ट में सीआईडी ने चार्जशीट दायर किया है. सीआईडी ने अपनी जांच में सीआरपीएफ जवान जितेंद्र कुमार प्रधान को रोशन होरो की मौत के लिए दोषी पाया था. 2020 में रोशन होरो की मौत गोली लगने से हुई थी. जिसके बाद पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया था.
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क्या है पूरा मामला:दरअल ये पूरी घटना 20 मार्च 2020 की है. रोशन होरो ढोल बनाने के लिए चमड़ा लेकर बाजार जा रहे थे. इसी दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें रूकने को कहा, लेकिन नहीं रूकने पर सीआरपीएफ जवान ने रोशन को पकड़ कर गोली मार दी थी. हालांकि घटना के ठीक बाद ही राज्य पुलिस अभियान ने रोशन को गोली मारे जाने के मामले में गलती स्वीकार कर ली थी. इस मामले में सीआरपीएफ के अज्ञात जवान पर मुरहू थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई थी. बाद में सीआईडी ने इस केस को टेकओवर कर लिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आए तथ्यों और जांच के आधार पर पुलिस ने गोली चलाने वाले सीआरपीएफ जवान को भी चिन्हित कर लिया था.
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सीआईडी ने सीआरपीएफ से मांगी थी अनुमति:बता दें कि सीआईडी ने इस मामले में सीआरपीएफ मुख्यालय से पत्राचार कर आरोपी जवान के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. लेकिन सीआरपीएफ मुख्यालय ने इस मामले में अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी थी. ऐसे में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीआईडी ने महाधिवक्ता से राय मांगी थी. महाधिवक्ता की राय के बाद सीआरपीएफ जवान को गिरफ्तार नहीं दिखाते हुए सीआईडी ने चार्जशीट दायर कर दिया है. सीआईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि रोशन होरो के सिर में हथियार सटाकर गोली मारी गई थी. जिसके बाद गोली सिर के सामने से निकल गई थी.