रांची:झारखंड के कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का निधन हो गया है. यह जानकारी बिशप फेलेक्स टोप्पो की ओर से दी गई है. बताया गया है कि कार्डिनल लंबे समय से बीमार थे. उन्होंने शाम को 3.45 बजे मांडर के कॉस्टेंट लिवेंस हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में अंतिम सांस ली. वह 84 साल के थे. उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है. बिशप फेलेक्स ने कहा कि कार्डिनल ने छोटानागपुर में चर्च के विकास में अहम भूमिका अदा की थी. उसको कभी नहीं भुलाया जा सकता. अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि उनका अंतिम संस्कार कब किया जाएगा.
कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो भारत के चंद ईसाई धर्म गुरुओं में से एक थे जो वेटिकन में पोप के चुनाव में भाग लेते थे. वह बेहद दयालु और मिलनसार थे. गुमला के चैनपुर में 15 अक्टूबर 1939 को कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का जन्म हुआ था. उनके पिता एंब्रोस टोप्पो और माता सोफिया खलखो थीं. अपने दस भाई बहनों में कार्डिनल पी टोप्पो आठवें नंबर पर थे.
कहा जाता है कि बेल्जियम के पुरोहित की जीवनशैली से प्रेरित होकर उन्होंने रांची संत अल्बर्ट सेमिनरी में धर्म की शिक्षा हासिल की. इसके बाद संत जेवियर कॉलेज रांची से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. फिर रांची विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की. उन्होंने संत अल्बर्ट कॉलेज, रांची से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की. दर्शनशास्त्र की आगे की पढ़ाई के लिए उनको रोम भेजा गया था. 8 मई 1969 को बिशप फ्रांसिसकुस ने स्विट्जरलैंड में उनका पुरोहित अभिषेक किया. इसके बाद वह युवा पुरोहित के रूप में भारत वापस लौटे और संत जोसेफ स्कूल तोरपा में पढ़ाने लगे. उनको दुमका का बिशप भी नियुक्त किया गया था.
सीएम ने जताया दुख: कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो उनके निधन पर सीएम हेमंत सोरेन ने दुख जाहिर किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा 'धर्मगुरु कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो जी के निधन का अत्यंत दुःखद समाचार मिला. कार्डिनल तेलेस्फोर जी लोगों की सेवा करते हुए उनके हक-अधिकारों के लिए हमेशा सजग रहते थे. प्रभु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल लोगों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे.'