रांची:झारखंड में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का कोई बड़ा राजनीतिक जनाधार नहीं है और न ही कोई विधायक झारखंड विधानसभा में है. बावजूद इसके राज्य में पार्टी का जनाधार हर जिले में है. पासवान जाति के वोटर पर रामविलास पासवान और चिराग पासवान की पकड़ भी है.
लोजपा में मचे घमासान के बीच क्या है झारखंड लोजपा का रुख
लोक जनशक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने चिराग पासवान की जगह लोकसभा में संसदीय दल के नेता के रूप में पशुपति पारस को चुना है. उसके बाद उभरे राजनीतिक परिदृश्य में भी झारखंड में लोजपा चिराग पासवान के साथ खड़ा है. इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने लोजपा झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. पार्टी कार्यालय में रांची जिला अध्यक्ष दिनेश सोनी ने पार्टी स्टैंड की जानकारी देते हुए कहा कि लोजपा के नेता रामविलास पासवान रहे हैं और उन्होंने ही चिराग पासवान को उत्तराधिकारी बनाया था, इसलिए झारखंड लोजपा चिराग पासवान के साथ खड़ी है.
बिहार में बीजेपी के लिए चिराग ने निभाए हनुमान का रोल: दिनेश सोनी
लोजपा के रांची जिला अध्यक्ष दिनेश सोनी ने कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव में भले ही लोजपा की हार हुई हो, लेकिन आज वहां चिराग पासवान के चलते ही बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. दिनेश सोनी ने कहा कि भले ही सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता बनाया गया हो, लेकिन जनता चिराग पासवान के साथ खड़ी है और चिराग पासवान का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. उन्होंने कहा कि लोजपा प्रकरण के पीछे जदयू का नहीं, बल्कि बीजेपी की चाल है. उन्होंने बताया कि उनकी बात प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान से हुई है और उन्होंने कहा है की झारखंड लोजपा चिराग पासवान के साथ है और पशुपति कुमार पारस का नाटक ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है.
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