रांचीः कोरोना की दूसरे लहर को देखते हुए राज्य के तमाम शिक्षण संस्थानों में पठन पठान की प्रणाली में बदलाव किया गया है. ऑनलाइन तरीके से ही विद्यार्थियों तक पढ़ाई से जुड़ी सामग्री मुहैया कराई जा रही है. वहीं, सूबे के शिक्षा विभाग की ओर से एक बार फिर दूरदर्शन के माध्यम से पठन-पाठन संचालित किए जाने को लेकर तैयारी की जा रही है.
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वर्ष 2020 में भी हुआ था ऑनलाइन पठन-पाठन
वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान देश भर में लॉकडाउन था. लॉकडाउन काल में तमाम शिक्षण संस्थान ने ऑनलाइन तरीके से पठन-पाठन सुचारु रखा था. वर्ष 2021 में जनजीवन पटरी पर लौट रही थी कि कोरोना की दूसरी लहर आ गई है. लोग बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं. एक बार फिर राज्य के तमाम शिक्षण संस्थानों में ताला लग गया और ऑनलाइन प्रणाली से पठन-पाठन की शुरुआत हुई.
सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पठन पाठन सुचारू करना समस्या
निजी स्कूलों की ओर से किसी तरह पठन-पाठन को व्यवस्थित तरीके से ऑनलाइन विभिन्न माध्यमों के जरिए करवाई जा रही है. लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए एक बार फिर समस्या आ गई है क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ग्रामीण विद्यार्थियों की संख्या अधिक है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले विद्यार्थियों तक ऑनलाइन सामग्री पठन-पाठन से जुड़ी पहुंचाना शिक्षा विभाग के लिए परेशानी भरा है. इसके बावजूद एक बार फिर शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है. व्हाट्सएप ग्रुप डीजे ऐप के माध्यम से बच्चों तक पठन-पाठन से जुड़ी सामग्री पहुंचाई जा रही है.
एक बार फिर दूरदर्शन का लिया जाएगा सहयोग
राज्य के सरकारी विद्यालयों के बच्चों के लिए दूरदर्शन पर कक्षा शुरू करने की कवायद तेज की गई है. जल्द ही स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग और दूरदर्शन के अधिकारियों के साथ बातचीत कर इस दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन 3 घंटे कक्षा का संचालन किया जाएगा. कक्षा संचालन 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए होगा. पिछले वर्ष दूरदर्शन पर सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए कक्षा का संचालन किया गया था. जिसमें लगभग 10 लाख बच्चे लाभांवित हुए थे. स्कूल बंद होने के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इस वर्ष फिर से बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग मटेरियल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राज्य स्तर से लर्निंग मटेरियल बीआरपी- सीआरपी और प्रखंड जिला स्तरीय पदाधिकारियों को भेजा जाता है. बीआरपी सीआरपी स्कूल के शिक्षकों को, शिक्षक बच्चों को लर्निंग मटेरियल मुहैया करवा रहे है. पिछले वर्ष लगभग 13 लाख बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ा गया था. जो सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक नामांकित कुल बच्चों का 29 फीसदी है. इस वर्ष इस की संख्या बढ़ाने की कोशिश शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है.