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Jharkhand Budget Session: चिक और बड़ाईक जाति को एसटी सर्टिफिकेट लेने में हो रही है दिक्कत, नियम के सरलीकरण की तैयारी - रांची न्यूज

झारखंड विधानसभा में चिक और बड़ाईक जाति का मामला उठा. विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने इनकी दिक्कतों के बारे में मामला उठाया. जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि नियमों के सरलीकरण की जरूरत है.

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Published : Mar 21, 2023, 12:32 PM IST

रांचीः ध्यानाकर्षण की सूचना के तहत विधायक नेहा शिल्पी तिर्की ने चिक और बड़ाईक जाति को एसटी सर्टिफिकेट लेने में हो रही दिक्कत की बात उठाई. उन्होंने कहा कि दोनों एक ही जाति है लेकिन खतियान में कहीं चिक का जिक्र है तो कहीं बड़ाईक का. इस वजह से सर्टिफिकेट बनाने के दौरान उन्हें बहुत परेशानी होती है. इसके लिए उन्हें प्रमाण देना पड़ता है.

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जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र की सूची में चिक बड़ाईक जाति एसटी में शामिल है. दोनों एक ही शब्द है, लेकिन झारखंड के 1908 के खतियान में चिक बड़ाईक शब्द का जिक्र है. जबकि कई परिवारों का नाम 1932 के खतियान में बड़ाईक हो गया है. यह मसला तत्कालीन रघुवर सरकार के समय TAC के समक्ष आया था. उस रिपोर्ट को देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि संसदीय कार्य मंत्री ने माना कि इससे जुड़े नियम में सरलीकरण करने की जरुरत है. अगर किसी का खतियान में जिक्र नहीं होगा तो रीति रिवाज को आधार बनाया जाएगा.

भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से ऐसे कई परिवारों को जानते हैं. जिनकी 1908 के खतियान में चिक बड़ाईक के रूप में जाति का जिक्र है लेकिन बाद में सभी ने अपने अपने टाइटल बदल लिए. इसपर नेहा शिल्पी तिर्की ने कहा कि यह गंभीर मसला है. इसके समाधान के लिए विधानसभा की एक कमेटी बनाने की जरूरत है. नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि इस मामूली कमी की वजह से सर्टिफिकेट जारी करने के बदले गरीबों से पैसे वसूले जाते हैं.

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