रांची:सूबे के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने पेइंग वार्ड के तीसरे तल्ले पर बने कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड का भी निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने रिम्स के अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मरीजों को लाने के बाद किस तरह से उनका इलाज करना है और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की गाइडलाइंस को किस तरह फॉलो करना है इस पर भी ध्यान दिया जाए.
अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कहा कि आइसोलेशन वार्ड में तैनात नर्स, वार्ड बॉय और डॉक्टर सहित परिजनों को बेहतर प्रशिक्षण के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाए, जिससे आइसोलेशन वार्ड में तैनात कर्मचारी पूरी तरह से तैयार रहे, ताकि अगर कोई कोरोना का मरीज अचानक इलाज कराने पहुंचे तो किस प्रकार अपने आप को बचाते हुए उस मरीज का इलाज किया जा सके.
इसे भी पढ़ें:-कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की मांग पर कटौती प्रस्ताव, कई विधायकों ने रखा अपना पक्ष
वहीं मुख्य सचिव डी के तिवारी ने मीडिया के माध्यम से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, ना ही अफवाह से परेशान होने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से यह अफवाह उड़ाई गई है कि मुर्गा मछली और अंडा से कोरोना वायरस फैल सकता है तो यह बिल्कुल गलत है, इस गलत अफवाह का असर मछली, अंडा और मुर्गा पालन करने वाले किसानों पर पड़ रहा है. मुख्य सचिव ने झारखंड के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि झारखंड और आसपास के राज्यों में कोरोना से जुड़े कोई मरीज नहीं पाए गए हैं, इसीलिए झारखंड पूरी तरह से सुरक्षित है. वहीं उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अगर कोई मरीज कोरोना वायरस से ग्रसित होता है तो स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ऐसे मरीजों के उपचार के लिए पूरी तरह से तैयार है.