रांची:अपने सरकार के कामकाज की समीक्षा करने में जुटे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की. झारखंड मंत्रालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख के अलावा मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी सहित कृषि एवं पशुपालन विभाग के कई आला अधिकारी मौजूद थे.
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कृषि विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मौसम का जिस तरह का रुख देखने को मिल रहा है, उससे किसानों के सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो रही हैं. ऐसे हालात में नई फसलों या फसल प्रणालियों से कृषि उत्पादन को जोड़ने का एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए. साथ ही किसानों को वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रेरित करें.
राज्य सरकार हर परिस्थिति के लिए है तैयार-सीएम:कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के बाद झारखंड मंत्रालय में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली बार भी कम वर्षा होने की वजह से खेती पर असर पड़ा था. किसानों की माली हालत को देखते हुए सरकार ने सहायता राशि प्रदान की थी. इस बार भी सरकार पूरी स्थिति पर नजर रख रही है. लगता है कि मौसम का जिस तरह का मिजाज है, इस बार भी अच्छी स्थिति नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है और आज की बैठक में विभाग को एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते नजर आए.
कृषि विभाग की समीक्षा में दिए गए कई निर्देश: कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा कई निर्देश दिए गए. पशुओं का इंश्योरेंस सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी वजह से पशुओं की मौत हो जाती है तो किसान पशुपालक आर्थिक रूप से टूट जाते हैं. ऐसे में सभी पशुओं के इंश्योरेंस को सुनिश्चित करें. इसके अलावा दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन को लेकर मुख्यमंत्री ने एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मॉडल फॉर्म स्थापित करने की दिशा में पहल हो, जिससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा.
लैम्प्स और पैक्स को मजबूत करने का निर्देश:बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में लैम्प्स और पैक्स को मजबूत करने के लिए निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी से आच्छादित करने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि किसानों की केसीसी लोन स्वीकृत करने में बैंक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों से लोन मुहैया कराने की दिशा में कार्य करें. कृषि विभाग की महत्वाकांक्षी योजना किसान पाठशाला की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेंटर ऑफ एग्रीकल्चर मूवमेंट हो सकता है. इसे एक विद्यालय की तरह स्थापित किया जाए, जहां किसानों को उन्नत और बहुवैकल्पिक कृषि की जानकारी मिलेगी.